पेपर लीक मामले में नेता दबोचा गया

Update: 2022-06-25 09:55 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

पटना: BPSC पीटी पेपर लीक मामले का मुख्य आरोपी या यूं कहें कि इस पूरे केस का मुख्य किरदार आखिरकार आर्थिक अपराध इकाई के एसआईटी टीम के हत्थे चढ़ गया. आरोपी का नाम शक्ति कुमार है और वह गया के राम शरण सिंह कॉलेज का प्रिंसिपल है. शक्ति कुमार गया के डेल्हा में कॉलेज चलाने के साथ-साथ एक स्कूल भी चलाता है. शक्ति कुमार राजनैतिक रूप से भी वेल कनेक्टेड है. वह जनता दल यूनाइटेड का नेता है.

बताते चलें कि पहले शक्ति कुमार पहले उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में संगठन सचिव रह चुका है. लेकिन अब इस पार्टी का विलय जनता दल यू में हो गया है. आर्थिक अपराध इकाई की जांच में पता चला है बीपीएससी पीटी का सेंटर उसी राम शरण सिंह कॉलेज में था, जिसका प्रिंसिपल शक्ति कुमार है. आरोपी बीपीएससी परीक्षा के सेंटर सुपरिटेंडेंट बना हुआ था.
जानकारी के मुताबिक, 10:15 बजे प्रश्न पत्र फ्लाइंग स्क्वाड के जरिए सेंटर पर पहुंचता है. यहां शक्ति कुमार अपने मोबाइल ऐप से प्रश्न पत्र स्कैन कर लिंक कर देता है. 67वीं बीपीएससी पेपर लीक मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी है. इसकी गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि बीपीएससी के पीटी का पेपर के लीक होने की शुरुआत यहीं से हुई थी.
शक्ति कुमार ने अपने वॉट्सएप के जरिये ठीक 10:30 बजे प्रश्न पत्र को स्कैन करके जिस शख्स को भेजा था, उसका नाम कपिल देव है. वह प्रयागराज में केंद्र सरकार के कार्यालय में क्लर्क है और बिहार के गया का रहने वाला है. कपिल देव खुद भी इस परीक्षा में शामिल था. फिलहाल वो फरार है.
आर्थिक अपराध इकाई के सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों दिल्ली से गिरफ्तार 3 आरोपियों ने कपिल देव से ही प्रश्न पत्र हासिल किए थे. इस गैंग को परीक्षा से करीब 1 घंटे पहले प्रश्न पत्र मिल चुका था. कपिल देव ने प्रश्न पत्र लीक करने के एवज में कितने पैसे वसूले हैं इसकी जांच की जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई को सारे एविडेंस मिल गए हैं जो शक्ति कुमार के स्पष्ट रूप से संलिप्त होने की गवाही दे रहे हैं.
बीपीएससी की पीटी की परीक्षा 8 मई को लीक हुई थी. इस मामले में अब तक 15 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. पूछताछ में शक्ति कुमार ने स्वीकार किया है कि प्रश्न पत्र उसी ने स्कैन कर लीक किये थे. आर्थिक अपराध की जांच और पूछताछ में यह जानकारी मिली है. आरोपी ने डॉक्यूमेंट स्कैनर मोबाइल एप के जरिए सेट C के पेपर को स्कैन किया था. इस मामले में अब तक 15 लोगों की गिरफ्तारी की गई है.
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