वकीलों का होगा प्रमोशन, बनेंगे न्यायाधीश

Update: 2021-10-08 13:55 GMT

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में दो अधिवक्ताओं को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की है. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता में आठ अक्टूबर को हुई बैठक में कॉलेजियम ने कलकत्ता हाईकोर्ट में अधिवक्ता शाक्य सेन को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के लिए अपनी पूर्व की सिफारिशों को दोहराने की प्रतिबद्धता जताई थी. प्रस्तावों को शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है.

कॉलेजियम ने कलकत्ता हाईकोर्ट में अधिवक्ता सौभिक मित्तर को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. न्यायमूर्ति रमण के अलावा, न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर तीन सदस्यीय कॉलेजियम का हिस्सा हैं जो हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के संबंध में निर्णय लेते है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया कि उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम की 16 सितंबर 2021 को हुई बैठक में न्यायाधीशों को उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश पद पर पदोन्नत करने की सिफारिश की गई है. कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति बिंदल के अलावा न्यायमूर्ति रंजीत वी मोरे, सतीश चंद्र शर्मा, प्रकाश श्रीवास्तव, आर वी मलीमथ, रितु राज अवस्थी, अरविंद कुमार और प्रशांत कुमार मिश्रा के नामों की सिफारिश क्रमश: मेघालय, तेलंगाना, कलकत्ता, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश के रूप में की है.

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