वकील ने परिवार समेत की आत्मदाह करने की कोशिश...पुलिस प्रशासन में मचा हड़कंप

ये है पूरा मामला

Update: 2020-11-07 15:35 GMT

दबंगों से परेशान हरदोई के वकील विजय प्रताप सिंह अपने परिवार के पांच अन्य सदस्यों के साथ शनिवार सुबह बेली में पानी टंकी पर चढ़ गए। चेतावनी दी कि अगर उनकी 13 सूत्रीय बातें नहीं मानी गईं तो वह परिवार के साथ पेट्रोल डालकर आत्मदाह कर लेंगे। सूचना से पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई। पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और आश्वासन दिया कि हरदोई के डीएम से उनकी बात हो गई है। उनकी सभी बातें मानी जाएंगी लेकिन वह लिखित आश्वासन चाह रहे थे। हाइकोर्ट बार एसोसिएशन के सेक्रेटरी प्रभा शंकर भी अधिवक्ता की मदद में पहुंचे और कहा कि नीचे उतर आओ। वह चीफ जस्टिस से मिलवा देंगे, लेकिन उनकी बात भी नहीं सुनी। इससे पूर्व पांच अक्तूबर को भी पीड़ित परिवार ने लखनऊ में पानी टंकी पर चढ़कर हंगामा किया था।

हरदोई जिले के ग्राम छोली बरिया निवासी अधिवक्ता विनय प्रताप सिंह का पुश्तैनी जमीन को लेकर करीबी रिश्तेदारों से विवाद है। विनय के अनुसार 11 जनवरी 2016 को छोटे भाई विवेक सिंह को प्रतिद्वंद्वी लल्लन सिंह, वीरपाल, भोला सिंह, संजय सिंह, कृष्णपाल सिंह, अमर सिंह और भरत सिंह ने अगवा कर लिया था। विवेक का अपहरण करने के मामले में आरोपियों के खिलाफ थाना सुरसा में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। विनय के मुताबिक पुलिस लल्लन सिंह और उसके साथियों के दबाव में थी। इस वजह से फाइनल रिपोर्ट लगा दी। आरोपियों में अमर सिंह लखनऊ डीआईजी कार्यालय में दरोगा है, जिसके रसूख के कारण उसकी सुनवाई नहीं हो रही है।

पीड़ित अधिवक्ता ने बताया कि विपक्षियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से वह परिवार समेत शुक्रवार को प्रयागराज पहुंचे। शुक्रवार रात 11:25 बजे भाई अजय प्रताप सिंह, बहन बबली, भांजी पूनम, गांव के परमेश्वर और अपने 12 साल के बेटे विमल को साथ लेकर टंकी पर चढ़ गए। शनिवार सुबह छह बजे हंगामा मचा तो पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिवक्ता ने धमकी दी कि अगर पुलिस प्रशासन ने जबरदस्ती करके उसे उतारने की कोशिश की तो वह परिवार के साथ आत्मदाह कर लेंगे। वह 20 लीटर पेट्रोल लेकर पहुंचे हैं। अधिवक्ता का कहना था कि वह अपनी मांग लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। पुलिस ने एहतियातन फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीम भी बुला ली।

एसपी सिटी दिनेश सिंह ने बताया कि पानी की टंकी पर चढ़े विजय प्रताप ने एक अर्जी नीचे फेंकी, जिसमें उसका मोबाइल नंबर लिखा था। उसी नंबर से संपर्क किया गया। विजय को समझाने की कोशिश की जा रही है। उन्हें बताया गया है कि उनकी मांग पूरी करने के लिए हरदोई डीएम को बता दिया गया है लेकिन विजय प्रताप का कहना था कि सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलेगा। उन्हें प्रमाण चाहिए।



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