वकील ने करोड़पति कांस्टेबल की जान को बताया खतरा, कोर्ट में हुई जमकर बहस

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Update: 2025-01-28 10:53 GMT

भोपाल। करीब 40 दिन जांच एजेंसियों की गिरफ्त से बाहर रहे मध्य प्रदेश RTO के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा को मंगलवार के दिन कोर्ट में सरेंडर करने से पहले ही लोकायुक्त ने हिरासत में ले लिया. सोमवार को भोपाल कोर्ट में वकील राकेश पाराशर ने मुवक्किल सौरभ के सरेंडर को लेकर आवेदन दिया था. कोर्ट ने सौरभ की केस डायरी लोकायुक्त से मांगी थी. लेकिन इससे पहले ही आज सुबह 11 बजे कोर्ट में पेश होने से पहले ही सौरभ शर्मा को लोकायुक्त की टीम ने हिरासत में ले लिया.

सौरभ के वकील राकेश पाराशर का कहना है, लोकायुक्त ने अवैध गिरफ्तारी की. इसके खिलाफ कोर्ट में आवेदन दिया है. आवेदन में ये भी लिखा गया कि लोकायुक्त पुलिस को निर्देशित किया जाए कि जल्द से जल्द सौरभ शर्मा को न्यायालय में पेश किया जाए. नए आवेदन में सौरभ की सुरक्षा की भी मांग की गई है. वकील पाराशर का कहना है कि सौरभ की जान को खतरा है. किसी का नाम उसके मुंह में डालकर उगलवाएंगे. पूछताछ की रिकॉर्डिंग होनी चाहिए. हमें अदालत पर भरोसा है, लेकिन पुलिस पर नहीं.

वकील पाराशर ने आगे बताया, सौरभ को लोकायुक्त पुलिस ने कोर्ट के गेट के बाहर से पकड़ लिया गया. कोर्ट ने आज की तारीख दी थी. और सौरभ आ ही गया था. लेकिन वाहवाही लूटने के लिए उसको पकड़ लिया गया. इस मामले में लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद ने बताया, हमने सौरभ शर्मा को हिरासत में लिया है. पूछताछ जारी है. पूछताछ के बाद 24 घंटे के अंदर न्यायालय में उसे पेश करेंगे. बाकी सहयोगियों को भी जल्द गिरफ्तार करेंगे. वहीं, सौरभ की पत्नी से पूछताछ पर लोकायुक्त डीजी बोले 'जांच में जिसका भी नाम आएगा, उन सबसे पूछताछ होगी. सौरभ फरारी के दौरान कहां-कहां रहा? यह पूछताछ में पता चलेगा. डीजी ने कहा, सौरभ शर्मा को जांच एजेंसियों से कोई जान का खतरा नहीं होगा. हालांकि, पूछताछ के दौरान की वीडियोग्राफी के सवाल पर डीजी लोकायुक्त ने इनकार कर दिया.

दरअसल, सौरभ शर्मा बीते करीब एक महीने से जांच एजेंसियों की पहुंच से बाहर था. सौरभ शर्मा पर लोकायुक्त ने 18 दिसंबर छापे मारे थे. इस कार्रवाई में करोड़ों की संपत्ति, सोना-चांदी और लेनदेन के दस्तावेज बरामद हुए थे. 19 दिसंबर की रात आयकर विभाग को भोपाल के पास मेंडोरी जंगल में एक लावारिस कार में 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए कैश मिला था. कार सौरभ शर्मा के करीबी चेतन गौर के नाम पर रजिस्टर्ड है. इसके अलावा, 27 दिसंबर को ED ने भी सौरभ शर्मा और उसके करीबियों के ठिकानों पर छापा मारकर करोड़ों की नकदी और संपत्ति जब्त की थी.

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