देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस अफसर की आखिरी कॉल
शहादत से कुछ पल पहले उन्होंने पूरा साहस जुटाया.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार को हुई मुठभेड़ में डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए. बहादुर सपूत शहीद हुमायूं भट की बीते साल शादी हुई थी, उनकी एक 2 महीने की बेटी है. दुश्मन की गोली से घायल होने के बाद हुमायूं भट ने एक वीडियो कॉल किया था. ये कॉल आखिरी कोशिश थी अपनी मासूम बेटी की एक झलक पाने की. लेकिन ये वक्त इतना मुश्किल भरा था, जिसे बयां करना आसान नहीं है. शहादत से कुछ पल पहले उन्होंने पूरा साहस जुटाया. ये आखिरी कोशिश थी एक पिता की, जो अपने जिगर के टुकड़े को देखना चाहते थे.
रिपोर्ट के मुताबिक TRF के पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की गोलियों से जख्मी होने के बाद डीएसपी हुमायूं भट का बहुत ज्यादा खून बह गया था. इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को वीडियो कॉल किया था.
अपनी शादी की पहली सालगिरह से एक पखवाड़े पहले हुमायूं भट ने अपनी पत्नी को फोन करके बताया कि वह अब नहीं बच पाएंगे. उन्होंने अपनी पत्नी फातिमा से वीडियो कॉल करके कहा कि अगर मैं मर जाऊं तो प्लीज हमारी बेटी का ख्याल रखना. जानकारी के मुताबिक पत्नी को वीडियो कॉल करने से पहले उन्होंने अपने पिता रिटायर्ड डीआईजी गुलाम हसन भट को भी फोन कर बताया कि वह घायल हो गए हैं लेकिन फिलहाल ठीक हैं.
डीएसपी भट उन तीन अधिकारियों में एक थे, जो आतंकियों के लिए चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन का आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे थे. तभी आतंकियों ने गोलियां बरसा दीं. इस दौरान कर्नल मनप्रीत और मेजर आशीष को भी गोली लगी थी. इसके चलते तीनों वीर सपूत घायल हो गए
DGP के मुताबिक इसकी जानकारी मिलने के बाद आतंकियों के ठिकाने पर ऑपरेशन चलाया गया. साथ ही घने जंगल के कारण हेलीकॉप्टर से पहुंचे बचाव दल को उन तक पहुंचने में समय लगा. उन्हें इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया गया. लेकिन इलाज के दौरान उन्हें बचाया नहीं जा सका. लिहाजा तीनों सपूतों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. DGP दिलबाग सिंह ने कहा कि मैंने मुठभेड़ स्थल से डीएसपी हुमायूं भट के पिता से बात की और उन्हें बताया कि हमारी बचाव टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और हम उन्हें नीचे उतार रहे हैं. मैंने उन्हें वीडियो कॉल पर दिखाया कि बचाव के लिए क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं.