ल्हासा में सबसे बड़ा एयरपोर्ट शुरू, तिब्बत में ड्रैगन बढ़ा रहा अपनी ताकत

तिब्बत के विकास के नाम पर चीन इस क्षेत्र में अपना दबदबा लगातार बढ़ा रहा है।

Update: 2021-08-09 17:46 GMT

तिब्बत के विकास के नाम पर चीन इस क्षेत्र में अपना दबदबा लगातार बढ़ा रहा है। शनिवार को उसने तिब्बत की राजधानी ल्हासा के सबसे बड़े व नए एयरपोर्ट को शुरू कर दिया। इससे इस हिमालयी क्षेत्र को वह दक्षिण एशिया के लिए अपना सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित कर रहा है। सोमवार को बीजिंग में जारी सरकारी मीडिया रिपोर्ट में ल्हासा में नवनिर्मित एयरपोर्ट शुरू होने की जानकारी दी गई। इस एयरपोर्ट के निर्माण से चीन की इस इलाके में परिवहन सेवाएं और बढ़ जाएंगी। यह दक्षिण एशिया के लिए चीन का वैश्विक लॉजिस्टिक हब बनेगा। इससे पहले चीन ने जून में ल्हासा से नियांगची के बीच पहली हाई स्पीड ट्रेन शुरू की थी। तिब्बत का नियांगची शहर अरूणाचल प्रदेश से लगा हुआ है।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने खबर दी है कि ल्हासा के गोंगर एयरपोर्ट के नवनिर्मित टर्मिनल-3 ने शनिवार से संचालन शुरू कर दिया। इससे इस दूरस्थ इलाके में यात्री व माल परिवहन तेज हो सकेगा। अखबार के अनुसार एयरपोर्ट के विस्तार पर 60 करोड़ डॉलर से ज्यादा खर्च किए गए। नए टर्मिनल के साथ ही यह हर साल 90 लाख यात्री व 80 हजार टन कार्गो की आवाजाही में सक्षम होगा। तिब्बत में पांच एयरपोर्ट हैं। इनमें से तीन- नियांगची, शिगात्से, नगारी भारत व नेपाल सीमा के पास हैं।
भारत, नेपाल व भूटान से सटा है इलाका
दरअसल तिब्बत में हवाई, सड़क व रेल सेवाओं के विस्तार के पीछे चीन की रणनीति वहां नागरिक व सैन्य परिवहन को मजबूत बनाना है, चूंकि यह इलाका भारत के अरूणाचल प्रदेश के अलावा नेपाल व भूटान से सटा है। चीन अरूणाचल प्रदेश को तो दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है, जबकि भारत उसके इस दावे को पूरी ताकत से ठुकराता है। भारत व चीन के 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा है, जिसे लेकर लंबे समय से विवाद है।
ल्हासा-नियांगची बुलेट ट्रेन का इस्तेमाल इसी महीने की शुरुआत में चीन अपने पहले सैन्य मिशन के लिए कर चुका है। इससे चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की तिब्बत सैन्य कमान से संबद्ध एक संयुक्त हथियार ब्रिगेड के नए रंगरूटों को एक अभ्यास क्षेत्र में ले जाया गया है, जो इसके महत्व को दर्शाता है। चीनी सेना सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों और हथियारों को ले जाने में भी बुलेट ट्रेन का इस्तेमाल करती है।
राष्ट्रपति जिनपिंग ने की थी पिछले माह यात्रा
पिछले माह 23 जुलाई को राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नियांगची की अचानक यात्रा कर चौंकाया था। वह तिब्बत के इस सीमावर्ती शहर का दौरा करने वाले पहले शीर्ष चीनी नेता बन गए। उन्होंने हाई-स्पीड ट्रेन से ल्हासा की यात्रा की। राष्ट्रपति के रूप में यह उनकी पहली तिब्बत यात्रा भी थी।
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