लालकुआं रेलवे भूमि अतिक्रमण मामला: हाई कोर्ट के फैसले के बाद 400 मीटर के दायरे से हटाये 200 पक्के मकान
लालकुआं (आईएएनएस)| लालकुआं रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में कल हाइकोर्ट के फैसले के बाद आज अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। यहां आज रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन ने बलपूर्वक अतिक्रमण हटाया। इस दौरान मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रही। लोगों ने अतिक्रमण हटाने का विरोध भी किया, मगर पुलिस बल के सामने किसी की भी नहीं चली।
दरअसल, अतिक्रमण हटाने के दौरान लोगों ने काफी विरोध किया जहां कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लेते हुए थाने भेजा है। अतिक्रमण के दायरे में एक मजार भी आई। जिसे जेसीबी से ध्वस्त कर दिया। फिलहाल पूरे मामले में रेलवे प्रशासन कुछ भी कहने से बच रहा है।
उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कानून व्यवस्था के व्यक्तिगत रेलवे का सहयोग करते हुए अतिक्रमण हटाने का काम होता है। यहां करीब 400 मीटर के दायरे में अतिक्रमण हटाया जाना है।
आपको बता दें कि, लालकुआं रेलवे स्टेशन कुमाऊं का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। यहां से कई राज्यों के लिए ट्रेनें संचालित की जाती हैं। अमृत भारत स्कीम के तहत वंदे भारत ट्रेन चलाने की रेलवे प्रशासन की योजना है। जिसके तहत स्टेशन का विस्तारीकरण के साथ-साथ फिटलाइन का भी निर्माण होना है। जिसके लिए रेलवे को अपनी भूमि की आवश्यकता है। पिछले कई सालों से अतिक्रमणकारी बैठे हुए थे। रेलवे ने कई बार नोटिस जारी किया। इसके बाद भी अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण नहीं हटाया। जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन ने बलपूर्वक आज अतिक्रमण हटाया।
गौरतलब है कि, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नगीना लालकुआं में रेलवे की भूमि पर करीब चार हजार लोगों के द्वारा अवैध कब्जा किए जाने के मामले पर कल सुनवाई की थी। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने कब्जाधारियों की याचिका को निरस्त करते हुए अवैध कब्जा हटाने के आदेश रेलवे को दिये।
रेलवे ने 3 मई को नोटिस देकर अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया था। जिसकी अंतिम तिथि 18 मई थी। 2018 में इस भूमि पर राज्य सरकार व रेलवे ने एक साथ जांच शुरू की थी। उस वक्त 84 अतिक्रमण पाए गए। इसके बाद रेलवे ने कई बार जांच की। वर्तमान में यहां पर करीब 4 हजार लोगों ने टिन शेड डालकर रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है। इनको हटाने के लिए रेलवे ने इन्हें दस दिन का समय दिया है। रेलवे की तरफ से यह भी कहा गया कि इनको हटाने के लिए उनके द्वारा जिला प्रसाशन से पुलिस फोर्स मुहैया कराने का पत्र दिया, परन्तु प्रशासन उसमें सहयोग नहीं कर रहा है। लालकुआं रेलवे स्टेशन का अमृत भारत स्कीम के तहत आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण होना है। इसलिए यहां से अतिक्रमण को हटाना आवश्यक है।