लाखेरी सीमेंट फैक्ट्री पर संकट के बादल छाए, काम बंद, मजदूरों में हड़कंप

Update: 2023-09-04 11:55 GMT
बूंदी। बूंदी के लाखेरी में 106 सालों से लगातार सीमेंट का उत्पादन कर रही लाखेरी सीमेंट फैक्ट्री पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। एक सितंबर से प्रबंधन ने फैक्ट्री में 60 प्रतिशत काम बंद कर दिया है, जिससे मजदूरों में हड़कंप मच गया है। फैक्ट्री प्रबंधन ने माइंस सहित कई विभागों को गुरुवार रात से बंद कर दिया। बढ़ती लागत और मैन पावर कम करने के चलते यह कदम उठाया गया है। फैक्ट्री बंद करने की बात पर प्रबंधन खुल कह पूरी बात बताने से कतरा रहा है। देश में सीमेंट उद्योग का हैरिटेज मानी जाने वाली लाखेरी की एसीसी सीमेंट फैक्ट्री में शुक्रवार को प्रबंधन ने 60 प्रतिशत काम को अचानक बंद कर दिया। पिछले 3 दिन से काम बंद करने की प्रक्रिया चल रही थी। गुरुवार रात को ही फैक्ट्री से जुड़ी सभी माइंस पर काम बंद होने से यह बात पुख्ता हो गई और शुक्रवार को फैक्ट्री का क्रेशर वीआरएम और क्लीन बंद करने से सीमेंट बनाने के लिए पत्थर पीसने से लेकर अन्य काम ठप हो गए। शुक्रवार को माइंस को पूरी तरह से बंद करके यहाँ काम आने वाले उपकरणों और वाहनों को खड़ा कर दिया। अचानक हुए इस घटनाक्रम को लेकर मजदूरों के साथ फैक्ट्री से जुड़े लोगों में अनिश्चितता का माहौल बनने लगा।
फैक्ट्री प्रबंधन ने काम बंद करने को लेकर अभी तक कोई सूचना नहीं देने से मजदूरों और अन्य लोगों में असमंजस की स्थिति बन रही है। हर कोई फैक्ट्री के भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि सीमेंट उत्पादन की बढ़ी हुई दर और मैन पावर को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है। लाखेरी सीमेंट फैक्ट्री राजस्थान की सबसे पुराने उद्योग में एक है जो अपनी स्थापना से लगातार सीमेंट का उत्पादन करती आ रही है। अपने स्थापना के वर्ष 1917 से फैक्ट्री में उत्पादन कोविड के दौरान ही बंद हुआ था, इसके अलावा फैक्ट्री में कभी ऐसी स्थिति नहीं आई कि उत्पादन प्रक्रिया प्रभावित हो। लगातार सौ सालों से सीमेंट उत्पादन के चलते लाखेरी सीमेंट फैक्ट्री को हैरिटेज केटेगरी में रखा जाता है। लाखेरी सीमेंट प्लांट की स्थापना 1917 मे निक्सन एंड कंपनी द्वारा की गई थी। बाद में 1936 में यह प्लांट एसीसी समूह में शामिल हो गया था। एक साल पहले अडानी ग्रुप ने अंबूजा और एसीसी को टेकओवर करने के बाद दोनों ही सीमेंट ग्रुप अडानी के अंतर्गत आ गई। लाखेरी सीमेंट फैक्ट्री के मैनेजर शरद सिंह ने बताया कि सीमेंट उत्पादन की बढ़ती लागत सबसे बड़ा कारण है। माइंस से पत्थर लाने में भी लागत बढ़ रही है। ऐसे में उच्च अधिकारियों के निर्देश पर फिलहाल माइंस एक्टिविटि बंद की गई है। आगे जो भी निर्देश मिलेंगे उसी के अनुसार फोलो करेंगे।
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