सिंघु बॉर्डर पर हुई थी लखबीर सिंह की हत्या: बीजेपी ने लगाया आरोप, मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में हुआ अंतिम संस्कार
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और हरियाणा के सीमावर्ती इलाके सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसान नेता डेरा डाले हैं. सिंघु बॉर्डर इन दिनों सियासत का केंद्र बन गया है. सिंघु बॉर्डर के समीप दो दिन पहले लखबीर सिंह नाम के दलित सिख की हत्या हुई थी. लखबीर की बेरहमी से हत्या के मामले में तीन निहंग सिखों ने अब तक पुलिस के सामने सरेंडर किया है.
लखबीर की हत्या के मामले में तीन गिरफ्तारियों के बावजूद इसे लेकर सियासी घमासान थमता नजर नहीं आ रहा. अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने लखबीर की हत्या को लेकर विपक्षी कांग्रेस पर हल्ला बोला है. अमित मालवीय ने एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लखबीर के अंतिम संस्कार को लेकर भी सवाल खड़े किए और कांग्रेस की सरकार को घेरा.
अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 35 साल के दलित सिख लखबीर सिंह जिनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, उनका रात के अंधेरे में आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया. उन्होंने आगे ये भी लिखा कि परिवार को ये भी इजाजत नहीं दी गई कि वो मोबाइल के टॉर्च की रोशनी से लखबीर सिंह के चेहरे को अंतिम बार देख सकें.
बीजेपी आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक ने आगे कहा कि ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि वह दलित था. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि पंजाब में मरने वालों की कोई इज्जत नहीं. गौरतलब है कि अमित मालवीय ने जो ट्वीट रिट्वीट किया है, उसमें कहा गया है कि सिंघु बॉर्डर पर मारे गए लखबीर सिंह के शव का अंतिम संस्कार कल शाम मोबाइल टॉर्च की रोशनी में पंजाब के चीमा गांव में हुआ.
इसी ट्वीट में ये भी आरोप लगाया गया है कि परिजनों को उसका चेहरा तक नहीं दिखाया गया. बॉडी एम्बुलेंस से सीधे श्मशान घाट पहुंची. तेल डालकर बॉडी को जल्दी जला दिया गया. बता दें कि 15 अक्टूबर को सिंघु बॉर्डर के समीप लखबीर सिंह का शव पाया गया था. लखबीर का हाथ काटकर पुलिस की बैरिकेड्स पर लटका दिए गए थे. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक लखबीर के शरीर पर तीन दर्जन से ज्यादा चोट के निशान पाए गए थे.