मजदूर की बेटी का यूपीएससी में बजा डंका, बनी आईएएस अफसर

पूरी कहानी बेहद प्रेरणादायक है.

Update: 2021-10-04 04:32 GMT

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर। मिलिए केरला की अश्वथी एस से। ये अपने ख्वाबों को हकीकत में बदलने वालों में से एक हैं। आईएएस बन गई हैं। इनकी केरला से यूपीएससी दिल्ली तक की पूरी कहानी बेहद प्रेरणादायक है।

अश्वथी एस कंस्ट्रक्शन मजदूर की बेटी हैं। मूलरूप से केरला की राजधानी तिरुवनंतपुरम की रहने वाली हैं। अश्वथी के परिवार की स्थिति ठीक नहीं है। इनके पिता प्रेम कुमार कंस्ट्रक्शन मजदूर के रूप में कार्य कर रहे हैं।
बता दें कि यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2020 का अंतिम परीक्षा परिणाम 24 सितम्बर को घोषित किया गया था, जिसमें अश्वथी एस ने 481वीं रैंक हासिल की है जबकि बिहार के शुभम कुमार ने टॉप किया है। केरला के 11 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है।
15 साल पहले देखा आईएएस बनने का सपना
यूपीएससी की सीएसई क्रैक करने के बाद अश्वथी ने मीडिया से बताचीत में कहा कि उसने आईएएस बनने का ख्वाब 15 साल पहले देखा था, जो अब पूरा हो गया है। आईएएस बनने के लिए अश्वथी ने अपनी खास योजना बनाकर तैयारी की थी।
तीन बार में प्री भी पास नहीं
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में अश्वथी ने कहा कि उन्होंने चौथे प्रयास में सफलता हासिल की है। शुरुआत के तीन प्रयास में यूपीएससी सीएसई की प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाई थी, मगर हिम्मत नहीं हारी और अपनी गलतियों में सुधार करती गईंं।
मनरेगा मजबूर की बेटी भी बन चुकी आईएएस
बता दें कि अश्वथी एस से पहले भी मजदूर के घर से आईएएस बेटी निकल चुकी हैं। केरला के वायनाड़ जिले के गांव पोजुथाना के मनरेगा मजदूर की बेटी श्रीधन्या सुरेश 2028 में यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बन चुकी हैं। श्रीधन्या का हाल ही कोझीकोड सहायक कलेक्टर पद से मलप्पुरम पेरिंथलमन्ना में तबादला किया गया था।श्रीधन्या सुरेश वर्ष 2018 में 410वीं रैंक हासिल कर UPSC परीक्षा पास की। केरला में जनजाति से पहली महिला आईएएस हैं।


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