सावन के पहले सोमवार में क्या करें क्या नहीं, जानें पूजा विधि

Update: 2023-07-10 04:41 GMT

दिल्ली: सावन का महीना चल रहा है। शिवभक्त कांवड़िएं कांवड़ लेकर अपने अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं। आज सावन का पहला सोमवार भी है। सावन के महीने में सोमवार पर महादेव की अराधना और पूजा करने का विशेष महत्व है। कहा जाता है महादेव बेहद ही भोले हैं और वह सामान्य पूजा अर्चना से प्रसन्न होकर अपने भक्त को वरदान प्रदान करते हैं। आईए जाते हैं कि आज सावन के पहले सोमवार को क्या करें और क्या नहीं। इसके साथ ही जानेंगे कि आज के दिन कौन सा उपाय करना चाहिए।

सावन में सोमवार पूजा का महत्व:

सावन के सोमवार शिवजी की पूजा बड़ी ही फलदायी और मंगलकारी होती है। अगर कुंडली में विवाह का योग न हो या विवाह होने में अड़चनें आ रही हों तो सावन के सोमवार पर पूजा करनी चाहिए। अगर कुंडली में आयु या स्वास्थ्य बाधा हो या मानसिक स्थितियों की समस्या हो तब भी सावन के सोमवार की पूजा उत्तम होती है। सावन के सोमवार को शिवजी की पूजा सर्वोत्तम होती है। इसमें मुख्य रूप से शिव लिंग की पूजा होती है और उस पर जल और बेल पत्र अर्पित किया जाता है।

पूजन विधि:

स्नानादि के बाद शिवजी के मंदिर जाएंं। मंदिर घर से नंगे पैर जाएं और घर से ही लोटे में जल भरकर ले जाएं। मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें। भगवान को साष्टांग प्रणाम करें और वहीं पर खड़े होकर शिव मंत्र ‘ओम नम: शिवाय:’ का 108 बार जाप करें। दिन में केवल फलाहार करें। शाम के समय भगवान के मन्त्रों का फिर जाप करें, तथा उनकी आरती करें। अगले दिन पहले अन्न वस्त्र का दान करें तब जाकर व्रत का पारायण करें।

शुभ मुहूर्त:

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4 बजकर 9 मिनट से सुबह 4 बजकर 50 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- सुबह 12 बजे से सुबह 12 बजकर 54 मिनट तक

विजय मुहूर्त- दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 40 मिनट तक

शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं:

सावन के सोमवार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर तरह-तरह की चीजें चढ़ाई जाती हैं। इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, कपूर, दूध, चावल, चंदन, रूद्राक्ष और भस्म अर्पित की जाती हैं। शिवलिंग पर ये चीजें चढ़ाने से इंसान की सोई तकदीर जाग सकती है।

शिवलिंग पर क्या न चढ़ाएं:

शिवपुराण के अनुसार शिव भक्तों को कभी शिवलिंग पर हल्दी, सिंदूर, तुलसी दल, कुमकुम या रोली, तिल, लाल रंग के फूल, केतकी या केवड़े के फूल और शंख से जल अर्पित नहीं करना चाहिए।

उपाय:

सावन के पहले सोमवार शिवजी की पूजा प्रदोष काल में करना उत्तम होता है। इस समय शिवलिंग पर बेलपत्र और जल की धारा अर्पित करें। इसके बाद शिव जी के मंदिर में एक घी का दीपक जलाएं। इसके बाद शिवलिंग की परिक्रमा करें। शिव जी से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।

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