अनंत चतुर्दशी का महत्व जानिए

Update: 2023-09-28 02:11 GMT

इस साल अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर यानी आज है. अनंत चतुर्दशी की पर्व भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी को मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है. इसमें व्रत का संकल्प लेकर अनन्तसूत्र बांधा जाता है. माना जाता है कि इसको धारण करने से संकटों का नाश होता है. इस दिन भगवान विष्णु के भक्त पुरे दिन का उपवास रखते हैं और पूजा के दौरान पवित्र धागा बांधते हैं. भगवान गणेश का विसर्जन भी इसी दिन किया जाता है. उदया तिथि के अनुसार, अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर यानी आज मनाई जा रही है. चतुर्दशी तिथि का आरंभ 27 सितंबर यानी कल रात 10 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो चुकी है और इसका समापन 28 सितंबर आज शाम 6 बजकर 49 मिनट पर होगा. अनंत चतुर्दशी का पूजा का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 12 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 49 मिनट तक रहेगा.

अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है. 28 सितंबर 2023 को गणपति विसर्जन के लिए तीन मुहूर्त हैं. गणेश चतुर्थी का मुहूर्त आज सुबह 06 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक रहेगा, उसके बाद सुबह 10 बजकर 42 मिनट से दोपहर 03 बजकर 10 मिनट तक और शाम 04 बजकर 41 मिनट से रात 09 बजकर 10 मिनट तक गणपति विसर्जन का मुहूर्त है.

इस दिन प्रात: काल उठकर स्नान करें और साफ सुथरे वस्त्र धारण करें. पूजा स्थल को साफ करें और उसके बाद गंगाजल का छिड़काव करें. फिर पूजा स्थल पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. भगवान विष्णु को अक्षत, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, इत्र, चंदन आदि चीजें अर्पित करें. इस दिन भगवान विष्णु की आरती करें और उनके मंत्रो का जाप जरूर करें. अंत में भगवान विष्णु को अनंत सूत्र अर्पित करें.

अनंत चतुर्दशी भगवान नारायण के पूजन का पर्व है. इस दिन ही भगवान विष्णु ने 14 लोकों यानी तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी. इस दिन ही गणेश जी को विसर्जित करते हैं. जिन लोगों के रोग ठीक नहीं हो रहे हैं. उन लोगों को ये व्रत रखना चाहिए. परिवार में कोई भी इस व्रत को रख सकता है. चाहे पति के लिए पत्नी, पत्नी के लिए पति, पिता के लिए पुत्र यह व्रत कर सकता है. लोन की समस्या अगर आ रही है तो वह लोग भी अनंत चतुर्दशी का उपवास रख सकते हैं. कुछ समय में ही आप लोन मुक्त हो जाएंगे. अगर किसी के घर में क्लेश चल रहा है तो उन लोगों को अनंत चतुर्दशी के उपवास के बाद जायफल अपने हाथ से भगवान विष्णु को अर्पण करना चाहिए. उसके बाद उसे जल में प्रवाह या पीपल के पेड़ के नीचे रखने से घर का क्लेश समाप्त हो जाएगा.


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