महिला आरक्षण बिल से जुड़ी बड़ी बातें जानिए?

Update: 2023-09-19 09:19 GMT

दिल्ली। नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही में सरकार ने पहला बिल किया. पहला ही बिल महिला आरक्षण से जुड़ा है. इसे 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' नाम दिया गया है. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को पेश किया. इस बिल में लोकसभा और विधानसभा में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है. इसका मतलब ये हुआ कि अब लोकसभा और विधानसभा में हर तीसरी सदस्य महिला होगी.

बिल की बड़ी बातें क्या हैं?

सीटों को लेकर क्या बदलेगा?

- लोकसभा में इस समय 82 महिला सदस्य हैं. इस बिल के कानून बनने के बाद लोकसभा में महिला सदस्यों के लिए 181 सीटें महिलाएं के लिए रिजर्व हो जाएंगी.

- इस बिल में संविधान के अनुच्छेद- 239AA के तहत राजधानी दिल्ली की विधानसभा में भी महिलाओं को 33% आरक्षण दिया गया है. यानी, अब दिल्ली विधानसभा की 70 में से 23 सीटें महिलाओं के लिए रहेंगी.

- सिर्फ लोकसभा और दिल्ली विधानसभा ही नहीं, बल्कि बाकी राज्यों की विधानसभाओं में भी 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा.

- इस बिल के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण 15 साल के लिए मिलेगा. 15 साल बाद महिलाओं को आरक्षण देने के लिए फिर से बिल लाना होगा.

एससी-एसटी महिलाओं के लिए क्या?

- एससी-एसटी महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं मिलेगा. आरक्षण की ये व्यवस्था आरक्षण के भीतर ही की गई है. यानी, लोकसभा और विधानसभाओं में जितनी सीटें एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, उन्हीं में से 33% सीटें महिलाओं के लिए होंगी.

- इसे ऐसे समझिए कि इस समय लोकसभा में 84 सीटें एससी और 47 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं. बिल के कानून बनने के बाद 84 एससी सीटों में से 28 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व होंगी. इसी तरह 47 एसटी सीटों में से 16 महिलाओं के लिए होंगी.


Tags:    

Similar News

-->