जानिए किस राज्य में कितने हैं ओमिक्रॉन के मामले
कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत में भी तेजी से पैर पसार रहा है.
कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant) दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत में भी तेजी से पैर पसार रहा है. अब तक देश में 422 ओमिक्रॉन केस की पुष्टि हो चुकी है. कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और दिल्ली में है. महाराष्ट्र में जहां 108 ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं वहीं दिल्ली में 79 लोगों में ओमिक्रॉन वैरिएंट पाया गया है.
वहीं अगर देश के दूसरे हिस्सों में ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों की बात करें तो गुजरात में 43, तेलंगाना में 41, केरल में 38, तमिलनाडु में 34, कर्नाटक में 31, राजस्थान में 22, पश्चिम बंगाल में 6, हरियाणा में 4, ओडिशा में 4, आंध्र प्रदेश में 4, जम्मू-कश्मीर में 3, उत्तर प्रदेश में 2, चंडीगढ़ में 1, लद्दाख में 1 और उत्तराखंड में 1 माले की पुष्टि हुई है.
बता दें कि देश के उन दस राज्यों में केन्द्रीय टीम भेजी गई है जहां कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. ये ऐसे भी राज्य हैं जहां टीकाकरण की रफ्तार धीमी है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक ये दस राज्य केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पंजाब है.
इस टीम का मुख्य मकसद कोविड-19 प्रबंधन में राज्य और जिला प्रशासन के प्रयासों को मदद पहुंचाना है. ये टीमें राज्यों में तीन या पांच दिन रहेंगी और राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिल कर काम करेंगी.
शनिवार की रात को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन कर लोग संक्रमित होने से बच सकते हैं. पीएम मोदी ने ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर ऐलान किया कि देश के तमाम कोरोना फ्रंट लाइन वर्कर को बूस्टर डोज दी जाएगी. इसके साथ ही 15 से 18 साल के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन देने का फैसला लिया गया है.
दक्षिणी अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट का सबसे पहले पता लगाने वाली डॉक्टर एंजेलिक कोएत्जी ने कहा है कि भारत में कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट के कारण संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी दिखेगी, लेकिन अधिकतर लोगों में मामूली लक्षण दिखने की उम्मीद है, जैसा कि दक्षिण अफ्रीका में देखा जा रहा है.