किन्नौर लैंडस्लाइड: मरने वालों की संख्या 15 पहुंची, रोकना पड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन, जानिए वजह

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के मुताबिक, किन्नौर हादसे में मरने वालों की संख्या 15 हो गई है, अबतक इतने शव बरामद कर लिए गए हैं.

Update: 2021-08-12 07:20 GMT

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरुवार को किन्नौर का हवाई सर्वे किया, यहां पर जारी रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया. हालांकि, गुरुवार को कुछ देर के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया, क्योंकि पहाड़ से लगातार पत्थर गिर रहे हैं.

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर लैंडस्लाइड हादसे के बाद रेस्क्यू एजेंसियां अब तक का सबसे मुश्किल ऑपरेशन चला रही है. हाइवे के ऊपर पहाडों से नए लैंडस्लाइड का खतरा टला नहीं है. आईटीबीपी ने हाइवे को फौरी तौर पर खोल दिया गया है, लेकिन इस हाइवे पर अब भी पत्थर गिर रहे हैं.
किन्नौर में नेशनल हाइवे-5 पर टूटी कुदरती आफत के बाद इस वक्त जो सबसे मुश्किल काम है वो है रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन. किन्नौर का ये सर्च ऑपरेशन कई मामलों में अलग और खतरनाक है. अपने जांबाज हौसलों के लिए पहचाने जाने वाली इंडो तिब्बत पुलिस फोर्स और एनडीआरएफ एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रख रही है.
वजह ये है कि चौरा और निगुलसरी के बीच ये वो इलाका है, जहां कब पहाड़ फिर दकरने लगे कुछ नहीं कहा जा सकता. हालांकि हाइवे खोल दिया गया है, लेकिन रेस्कयू टीमों को डर है कि कहीं वो खुद ताजा लैंड स्लाइड की चपेट में ना आ जाए. इस बीच किन्नौर हादसे का ड्रोन वीडियो सामने आया है. देखिए-
एनडीआरएफ से लेकर आईटीबीपी के जवान तक मौत के खतरे के बीच हाइवे पर डटे हैं और सावधानी के साथ रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. लैंडस्लाइड के खतरे के बीच हाइवे पर अब हर गुजरने वाले वाहन की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है. जैसे ही पत्थर गिरने की भनक लगती है तो वाहनों को रोक दिया जाता है.
जवानों की सतर्क निगाहें पहाड़ों की हर हरकत पर है. गाडियां डर डरकर हाइवे को पार कर रही हैं. सचमुच ये एक मुश्किल ऑपरेशन है लेकिन हमें हमारे जांबाज सैनिकों और राहतकर्मियों पर हमें पूरा भरोसा है कि वो आखिरी दम तक एक कामयाब सर्च ऑपरेशन को अंजाम देंगे.


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