दस महीने की मासूम बच्चे का किडनैप...दो माह बाद तीन लाख रुपये की फिरौती में दंपति गिरफ्तार

बिहार के वैशाली में 4 बेटियों के माता-पिता ने बेटे की चाह

Update: 2020-12-10 17:41 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :  बिहार के वैशाली में 4 बेटियों के माता-पिता ने बेटे की चाह में अपराध की हैरान करने वाली साजिश रची. बेटे की चाह में दंपति ने एक 10 महीने के बच्चे के लिए अपहरणकर्ताओं से तीन लाख रुपये का सौदा किया. लेकिन दो महीने के अंदर ही इस साजिश का राज सबके सामने खुल गया. बच्चे का अपहरण और बेचने के जुर्म में पुलिस ने आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया है. लेकिन एक आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

बताया जा रहा है कि करीब दो महीने पहले 18 अक्टूबर को वैशाली के महनार से एक 10 महीने के मासूम बच्चे का अपहरण हो गया था. पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू की. कई दिनों तक बच्चे का कुछ पता नहीं चल सका. फिर वैशाली पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया और राज्य के मुख्यालय से मदद मांगी. जांच के दौरान पुलिस को सफलता मिली और वैशाली से दूर नालंदा जिले के अस्थावां से एक परिवार के पास से बच्चे को बरामद किया.
10 महीने के बच्चे का अपहरण
पुलिस ने बताया कि नालंदा जिले के अस्थावां के रहने वाले सोहराय पासवान की चार बेटियां हैं. सोहराय पासवान ने पटना में रहने वाले अपने भांजे शिवदानी से एक बेटे की हसरत जाहिर की. फिर क्या था मामा- भांजे ने मिलकर बेटे की चाह के लिए अपहरण की खौफनाक साजिश रच डाली और अपहरणकर्ताओं से तीन लाख रुपये में सौदा तय हुआ.
शिवदानी ने तीन लाख की रकम के बदले एक मासूम बच्चे की डील में अपने दो दोस्तों को शामिल किया. भांजे शिवदानी का दोस्त नीतीश अपने दो दोस्तों के साथ 18 अक्टूबर को अपने ननिहाल महनार पहुंचा और मौका पाते ही देर रात सोते हुए एक मासूम बच्चे को अगवा कर लिया. प्लान के मुताबिक बच्चे को नालंदा पहुंचाया गया. जहां इस सौदे में शामिल आरोपी दंपति को दे दिया.
इस मामले में एसपी मनीष ने बुधवार को बच्चे के अपहरण मामले का खुलासा करते हुए बताया कि चार बेटियों के माता-पिता से 3 लाख में सौदा तय करने के बाद अपहर्ताओं ने बच्चे को उठाने के लिए रेकी करना शुरू कर दिया था. इस दौरान योजना बनाकर अपहर्ताओं ने बहलोलपुर गांव से सुबोध कुमार के 10 वर्षीय बेटे अजीत को सोए अवस्था में उठाकर गायब कर दिया. अपहर्ताओं ने पहले से तयशुदा दंपति को बच्चा सुपुर्द कर दिया और इसके एवज में पहली किश्त के रूप में 60 हजार रुपये भी लिए. बाकी रुपये के लिए दंपति पर दबाव भी दिया जा रहा था.


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