खालिस्तानी समर्थक निकले अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में विस्फोट करने वाले

जानिए क्या है वजह

Update: 2023-05-11 16:16 GMT
अमृतसर। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में पिछले पांच दिनों में हुए तीन बम विस्फोट के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपियों का खालिस्तानी लिंक निकला है। घटना का मुख्य आरोपी अपराधी व शरारती किस्म का व्यक्ति होने के साथ-साथ आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाला का समर्थक है और वह दूसरे आतंकी अमृतपाल व उसके साथियों के खिलाफ हुई कार्रवाई से नाराज था। पंजाब पुलिस के महानिदेशक गौरव यादव के अनुसार, इन पांचों ने ही 5 मई से 11 मई के बीच तीनों धमाके किए। 10 मई की रात गोल्डन टेंपल के पास तीसरा धमाका होते ही हाई अलर्ट पर चल रही पुलिस के साथ-साथ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की टीमें एक्टिव हो गई।

सबसे पहले की टास्क फोर्स ने मुख्य आरोपी आजादबीर सिंह को पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया। आजादबीर की निशानदेही पर कुछ ही घंटों में 4 अन्य आरोपियों भी दबोच लिए गए। इनके नाम अमरीक सिंह, साहब सिंह, धर्मेंद्र और हरजीत हैं। इनमें से अमरीक सिंह अपनी पत्नी के साथ गुरु रामदास सराय के कमरा नंबर 225 में रह रहा था। पुलिस उसकी पत्नी से भी पूछताछ कर रही है।
मुख्य आरोपी आजादबीर और अमरीक सिंह दोनों शुरू से शरारती रहे हैं। आजादबीर को रिश्वतखोरी की वजह से सरकारी नौकरी से डिसमिस है वहीं अमरीक सिंह ड्रग का आदी है। इन दोनों ने वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर रासुका लगाने से नाराज होकर यह धमाके किए। अमृतपाल को 23 अप्रैल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके बाद आजादबीर ने इन धमाकों की प्लानिंग की। 5 मई यानि अमृतपाल की गिरफ्तारी के 12 दिन बाद इन धमाकों का सिलसिला शुरू किया गया। अमृतसर में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव, एडीजीपी आरएन दाओके और अमृतसर के पुलिस कमिश्नर एडीजीपी नौनिहाल सिंह ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आजादबीर खालिस्तान का समर्थक है और आतंकी जरनैल सिंह भिंडरांवाला को अपना आदर्श मानता है। उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स में ऐसी कई पोस्ट हैं जो आतंकवाद के दौर से जुड़ी हुई हैं। पहला विस्फोट करने से पहले आजादबीर ने सारागढ़ी पार्किंग की छत पर हाथ में बम लेकर फोटो खिंचवाई। पुलिस को यह फोटो उसके मोबाइल से मिली। मुख्य आरोपी आरोपी आजादबीर के खिलाफ अमृतसर के ही छेहर्टा इलाके में बेअदबी का केस दर्ज है। जून-2021 ने उसने यहां माता सीता और शिवलिंग के बारे में गलत शब्दावली प्रयोग की थी। पूरी साजिश का मकसद दहशत फैलाना था। आरोपियों ने बड़ी योजना से कम क्षमता वाले बम स्वर्ण मंदिर व इसके आसपास प्लांट किए और बाद में पकड़े गए।
Tags:    

Similar News

-->