दिल्ली: देश में केरल को सबसे ज्यादा उत्पादों के लिए भौगोलिक संकेतक (जीआई टैग) मिला है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सबसे अधिक संख्या में उत्पादों के लिए जीआई टैग का दर्जा पाने वाले राज्यों में केरल शीर्ष पर रहा है। जीआई रजिस्ट्री की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक केरल के छह उत्पादों को जीआई टैग मिला है। रजिस्ट्री ने बताया कि केरल के अट्टापडी अटुकोम्बु अवारा, अट्टापडी थुवारा, ओनाटुकारा एलु, कंथलूर-वट्टवडा वेलुथुल्ली और कोडुंगलूर पोट्टुवेलारी को जीआई दर्जा दिया गया है।
रजिस्ट्री के जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार के मिथिला मखाना, महाराष्ट्र को अलीबाग के सफेद प्याज, तंदूर लाल चना, लद्दाख की रक्तसे कारपो खुबानी, असम के गमोसा (गमछा) को भी जीआई का दर्जा दिया गया है। इनके अलावा स्थानीय स्तर पर बनाई जाने वाली स्पेन की ब्रांडी डे जेरेज और इटली के प्रोवोलोन वालपादान (एक प्रकार का चीज़/पनीर) को भी यह सम्मान मिला है।
किसे मिलता है जीआई टैग: जीआई टैग का दर्जा मुख्य तौर पर एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र में तैयार होने वाले किसी कृषि, प्राकृतिक या विनिर्मित उत्पाद के लिए हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान दिया जाता है। इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान घरेलू और विदेशी बाजारों से कुल 50 उत्पादों को जीआई टैग मिले थे, जिनमें सर्वाधिक उत्तर प्रदेश से सात उत्पाद का जीआई टैग दिया गया था।