ट्रेन आग मामला: 3 लोगों को जिंदा जलाने का आरोपी है शाहरुख सैफी, सुरक्षा में ढील पर पुलिस निशाने पर

चार वाहनों को बदलना पड़ा और सड़क पर करीब 45 मिनट तक इंतजार करना पड़ा।

Update: 2023-04-06 07:00 GMT
तिरुवनंतपुरम (आईएएनएस)| केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन शाहरुख सैफी को पकड़ने के लिए केरल पुलिस की सराहना कर रहे हैं, जिसने चलती ट्रेन में यात्रियों को आग लगा दी थी, लेकिन महाराष्ट्र के रत्नागिरी से उन्हें लाने वाली पुलिस टीम कमजोर सुरक्षा के लिए निशाने पर आ गई है। तीन सदस्यीय पुलिस दल को चार वाहनों को बदलना पड़ा और सड़क पर करीब 45 मिनट तक इंतजार करना पड़ा।
आरोपी के साथ पुलिस की तीन टीम रत्नागिरी से एक इनोवा कार पर सवार होकर केरल की सीमा में प्रवेश करते ही दूसरी कार में शिफ्ट हो गई और कन्नूर जिले से गुरजते समय कार का टायर पंचर हो गया। करीब 45 मिनट तक टीम को एक और वाहन के आने तक इंतजार करना पड़ा।
तब तक सैफी तीन पुलिसकर्मियों के साथ अकेले सड़क पर था। बाद में पुलिस बल आया।
फिर उनकी आगे की यात्रा के लिए एक और वाहन आया और उसमें भी खराबी आ गई और चौथे वाहन पर सैफी आखिरकार सुबह करीब 5.45 बजे कोझिकोड के पुलिस कैंप पहुंचा।
गुरुवार सुबह यहां पहुंचने के बाद सैफी को कोझिकोड के एक पुलिस कैंप में रखा गया है।
सूत्रों के मुताबिक सैफी ने पुलिस के सामने कबूल किया है कि उसने किसी और की शह पर यह अपराध किया है। इससे पहले, उसके पिता ने स्वीकार किया था कि उनका बेटा लापता हो गया था और उन्होंने दिल्ली के शाहीन बाग में स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।
सैफी ने यह भी स्वीकार किया कि यह उसकी केरल की पहली यात्रा थी। रविवार की रात उसने ट्रेन में सह-यात्रियों को आग लगा दी थी। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई और नौ घायल हो गए।
कन्नूर पहुंचने के बाद वह सोमवार रात रत्नागिरी जाने वाली दूसरी ट्रेन में सवार हो गया।
वहीं से केंद्रीय एजेंसियों से इनपुट मिलने के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने बुधवार तड़के उसे गिरफ्तार किया।
सैफी की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसके चेहरे पर चोट के निशान हैं और समझा जा रहा है कि जब उसने सह-यात्रियों पर पेट्रोल फेंका और उन्हें जलाया तो वह खुद भी झुलस गया।
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