हाईकोर्ट ने विस्मया दहेज आत्महत्या मामले में दोषी की सजा रखी बरकरार, जानें पूरा मामला
व्हाट्सएप के माध्यम से अपने रिश्तेदारों को यह दावा करते हुए भेजी थीं कि उसे दहेज के लिए उसके पति द्वारा परेशान किया जा रहा है।
कोच्चि (आईएएनएस)| केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को विस्मया दहेज आत्महत्या मामले में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया। मामले में मृतका का पति किरण कुमार दोषी है। 24 वर्षीय मेडिकल छात्रा विस्मया पिछले साल 21 जून को कुमार के घर के बाथरूम की खिड़की से लटकी पाई गई थी। अपनी मृत्यु के कुछ दिन पहले विस्मया ने अपने शरीर पर चोट के निशान और घावों की तस्वीरें व्हाट्सएप के माध्यम से अपने रिश्तेदारों को यह दावा करते हुए भेजी थीं कि उसे दहेज के लिए उसके पति द्वारा परेशान किया जा रहा है।
उसके मृत पाए जाने के बाद उसके द्वारा भेजे गए व्हाट्सएप चैट और वॉयस नोट्स के स्क्रीनशॉट को उसके परिवार द्वारा साझा किया गया था।
आत्महत्या के बाद लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शोकग्रस्त माता-पिता से मुलाकात की।
मई में एक ट्रायल कोर्ट ने कुमार को दोषी ठहराया और 10 साल की सजा सुनाई।
मोटर वाहन विभाग में एक अधिकारी के रूप में काम करने वाले कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।