नई दिल्ली (आईएएनएस)| कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोलते हुए उन्हें 21वें सदी के कौरव करार दिया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने सोमवार को अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हरियाणा के कुरुक्षेत्र में कहा जब यात्रा शुरू हुई तो लोगों ने कहा की दक्षिण भारत में जो सहयोग और समर्थन मिल रहा है। वो उत्तर भारत में नहीं मिलेगा। केरल में जो साथ मिल रहा है वो कर्नाटक में नहीं मिलेगा, कर्नाटक में बीजेपी की सरकार है। महाराष्ट्र में नहीं मिलेगा लेकिन हर राज्य में लोगों को साथ बढ़ता गया। हरियाणा में बीजेपी की सरकार है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा ने बाकी सब प्रदेशों को दिखा दिया कि हरियाणा क्या है और क्या कर सकता है। जो हमने देश से नफरत, डर मिटाने की बात कि वो सचमुच इन सड़कों पर कर के दिखाता है। इस यात्रा ने जो गिरा, बिना उसका धर्म पूछे उसे अपनी गोद में उठाया हैं उसकी मलहम पट्टी की। ये खुद मैंने अपनी आखों से देखा।
राहुल ने कहा ये हरियाणा सदियों से देश को यही सिखा रहा है। महाभारत के समय जो कौरव और पांडवों की लड़ाई थी। वहीं आज की लड़ाई हैं। पांडव जो थे वो तपस्या करते थे। पांडवों में इस धरती पर कभी नफरत नहीं फैलाई, किसी गरीब व्यक्ति के खिलाफ अपराध नहीं किया।
केंद्र सरकार पर चुटकी लेते हुऐ कहा की पांडवों ने कभी नोटबंदी की क्या? गलत जीएसटी लागू की थी क्या, वो कभी नहीं करते, क्योंकि वो जताते थे कि ये गलत नीति इस धरती के तपस्वियों से चोरी करने का तरीका है। एक तरफ पांच तपस्वी थे जिनके साथ सब धर्मों के लोग थे जैसे भारत जोड़ो यात्रा मोहब्बत की दुकान। पांडवों ने भी नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान खोली थी। दूसरी तरफ संगठन था। इक्कीसवीं सदी के कौरव खाकी हाफ पैंट पहनते हैं। हाथ में लाठी लेकर शाखा लगाते हैं। हिन्दुस्तान के कुछ सबसे अमीर अरबपति कौरवों के साथ खड़े हैं। हिन्दुस्तान की दो तीन शक्तियों ने नोटबंदी, जीएसटी लागू की। इन्होंने ने प्रधानमन्त्री का हाथ चलाया। उस समय के अरबपति भी पांडवों के साथ नहीं खड़े थे, इसलिए उन्हें घर से निकाल दिया गया। उन्हें जंगल में रहना पड़ा। मगर उन पांडवों के साथ इस धरती के गरीब, मजदूर और छोटे दुकानदार खड़े थे। ये देश तपस्वियों का देश है।
कुरुक्षेत्र में कांग्रेस सांसद राहुल ने सोमवार को कहा, आरएसएस के लोग कभी भी 'हर हर महादेव' नहीं कहते क्योंकि भगवान शिव 'तपस्वी' थे और ये लोग भारत की 'तपस्या' पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने 'जय सिया राम' से देवी सीता को हटा दिया है। ये लोग भारत की संस्कृति के खिलाफ काम कर रहे हैं।