कार्ति चिदंबरम की 11 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त, ईडी ने की बड़ी करवाई
जानिए क्या है पूरा मामला
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को आईएनएक्स धनशोधन मामले में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की 11.04 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की। यह जानकारी यहां एक आधिकारिक बयान में दी गई। ईडी ने कहा कि कुर्क की गई चार संपत्तियों में से एक कर्नाटक के कुर्ग जिले में स्थित अचल संपत्ति है। बयान में कहा गया है कि कार्ति के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं और उन्हें आईएनएक्स मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी दोनों ने गिरफ्तार किया था।
मामला आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कथित रूप से अवैध धन प्राप्त करने से संबंधित है, जिसे संयुक्त प्रगतिशील (संप्रग) की तत्कालीन सरकार में केंद्रीय वित्तमंत्री के रूप में उनके पिता के कार्यकाल के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी मिली थी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को INX मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की 11.04 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली। ED ने कहा कि जब्त की गई चार संपत्तियों में से एक कर्नाटक के कूर्ग जिले में स्थित अचल संपत्ति है। बयान में कहा गया है कि कार्ति के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत एक प्रोविजनल ऑर्डर जारी किया गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं। और उन्हें आईएनएक्स मामले में CBI और ED दोनों ने गिरफ्तार किया था। मामला INX मीडिया प्राइवेट लिमिटेड से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मिले पैसों का है। इसे यूपीए सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में उनके पिता पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी मिली थी।
क्या है मामला
एक प्राईवेट कंपनी पंजाब के मनसा में 1980 मेगावॉट का थर्मल पावर प्लांट लगा रही थी। इसका जिम्मा चीन की एक कंपनी को दिया गया था। आरोप है कि यह प्रोजेक्ट लेट हो रहा था। काम को तेजी से कराने के लिए चीनी प्रोफेशनल्स को मनसा लाया गया। इनके लिए वीजा का इंतजाम चेन्नई के एक शख्स ने अपने कुछ साथियों की मदद से किया। इसमें नियमों की अनदेखी हुई। कुल 263 प्रोजेक्ट वीजा जारी किए गए। इतना ही नहीं होम मिनिस्ट्री को इस प्राइवेट कंपनी ने एक लेटर लिखा और इन तमाम वीजा होल्डर्स को फिर से वीजा जारी करने की गुजारिश की। इसकी मंजूरी भी एक महीने में मिल गई। आरोप है कि चेन्नई के एक व्यक्ति ने अपने सहयोगियों की मदद से 50 लाख रुपए रिश्वत मांगी। आरोप है कि यह रिश्वत मनसा की प्राईवेट कंपनी ने मुंबई की एक कंपनी के फर्जी बिल के जरिए चेन्नई भेजी।