एसिड अटैक पीड़िता को नौकरी देने की घोषणा, मुख्‍यमंत्री का ऐलान

वह मुख्‍यमंत्री आवास पर 'जनता दर्शन' के दौरान अपने माता-पिता के साथ मदद की गुहार लेकर आई थी।

Update: 2023-06-30 11:42 GMT
बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को एसिड हमले में बचने वाली युवती को नौकरी देने की घोषणा की। वह मुख्‍यमंत्री आवास पर 'जनता दर्शन' के दौरान अपने माता-पिता के साथ मदद की गुहार लेकर आई थी।
उनकी व्यथा सुनने के बाद सिद्दारमैया ने मौके पर ही युवती को रोजगार के निर्देश दिए। 23 वर्षीय पीड़िता पोस्ट ग्रेजुएट है। उसके सिरफिरे आशिक ने 28 अप्रैल 2022 को उस पर तेजाब डाल दिया था। उसके माता-पिता ने बताया कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से नौकरी के लिए अनुरोध किया था लेकिन केवल आश्वासन मिला।
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने अनुबंध के आधार पर नियुक्ति के निर्देश दिये हैं। इस एसिड अटैक मामले में कर्नाटक पुलिस ने 770 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। युवती को अस्पताल में कई सर्जरी से गुजरना पड़ा और जीवन के लिए संघर्ष करना पड़ा। घटना के दिन हमलावर नागेश बेंगलुरु के सुंकादाकट्टे में लड़की के ऑफिस के पास एक ऑटो में इंतजार कर रहा था,। उसने उसका पीछा किया और उस पर तेजाब डाल दिया।
लड़की 35 प्रतिशत जल गई थी। पुलिस ने कहा कि आरोपी एसएसएलसी (कक्षा 10) में पीड़िता के साथ एक ही स्कूल में पढ़ता था। लड़की द्वारा पूरी तरह से अस्वीकार किए जाने के बाद उसने उस पर हमला कर दिया। 13वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) की अदालत में प्रस्तुत आरोप पत्र में 92 गवाहों के नाम थे।
जांचकर्ताओं ने आईपीसी की धारा 164 के तहत लिए गए दो चश्मदीद गवाहों के बयान भी सौंपे हैं। नागेश 28 अप्रैल से लापता था और भगवा वस्त्र में एक साधू वेश बनाकर पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा। पुलिस भी भक्‍तों के वेश आश्रम में दाखिल हुई और अथक प्रयास के बाद उसके बारे में सुराग हासिल कर उसे पकड़ लिया।
जब उसने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने उसके पैर में गोली मार दी थी। हमलावर को पकड़ने के लिए कर्नाटक पुलिस ने 10 विशेष टीमों का गठन किया था। उसकी गिरफ्तारी में देरी के लिए हर तरफ से दबाव पड़ रहा था। आख़िरकार 16 दिन बाद कामाक्षीपाल्या पुलिस ने उसे तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई शहर से पकड़ लिया।
सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक में न्यायिक हिरासत में नागेश को गैंगरीन हो गया है और आशंका है कि उसका पैर काटना पड़ेगा। नागेश उर्फ एसिड नागा फिलहाल जेल अस्पताल में है जहां उसका गैंगरीन का इलाज चल रहा है। पीड़िता ने मीडिया से कहा कि भगवान ने तो उसे सजा दे दी है, लेकिन अदालत की तरफ से सजा अपनी अभी बाकी है। उसने कहा, "मेरी जिंदगी पहले जैसी नहीं रही, यह बहुत बदल गई है। मुझे कई सर्जरी की जरूरत है जिसके लिए मैं अक्सर अस्पतालों के चक्‍कर लगाती रहती हूं। भगवान ने उसे सजा दी है।"
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