सरकारी कार्यक्रमों में माला-शॉल और गुलदस्ते देने की प्रथा को कर्नाटक सरकार ने किया बैन

कर्नाटक में आयोजित होने वाले सरकारी कार्यक्रम में यादगार चीजों को देने पर बैन लगा दिया गया है।

Update: 2021-08-10 11:21 GMT

बेंगलुरु, कर्नाटक में आयोजित होने वाले सरकारी कार्यक्रम में यादगार चीजों को देने पर बैन लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार यह निर्णय लेते हुए कहा कि प्रदेश में सभी सरकारी कार्यक्रमों में माला, शॉल, फूलों के गुलदस्ते और यादगार वस्तुएं देने की प्रथा को बंद किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस 'अनावश्यक खर्च' करार दिया।

इस संदर्भ में जारी हुआ परिपत्र
मुख्य सचिव पी रवि कुमार ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के निर्देश पर संदर्भ में परिपत्र जारी किया।
बता दें कि इससे पहले बीते दिन मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता के दौरान फूलों का गुलदस्ता स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा था कि प्रोटोकॉल के नाम पर माला, शॉल और गुलदस्ते देने की प्रथा को समाप्त किया जाना चाहिए। यह अनावश्यक खर्च है।
सभी विभागों को निर्देशों का करना होगा पालन
इसी के साथ ही मुख्य सचिव ने एक सर्कुलर जारी कर राज्य सरकार और सरकार द्वारा संचालित संस्थानों द्वारा बैठकों और कार्यक्रमों में माला, शॉल, फूलों के गुलदस्ते, फलों की टोकरियां और यादगार चीजें नहीं देने का निर्देश दिए थे। इसमें कहा गया है कि सभी विभाग प्रमुखों और सरकारी उपक्रमों को निर्देशों का पालन करना होगा।
नवनियुक्त उर्जा मंत्री ने भी अपील
हाल ही में शपथ नवनियुक्त ऊर्जा और कन्नड़ और संस्कृति मंत्री वी सुनील कुमार ने उन्हें बधाई देने के लिए आने वालों से अपील करते हुए कहा था कि वे उन्हें माला और उपहार न दें और इसके बजाय कन्नड़ किताबें मांगें, जो वह अपने करकला निर्वाचन क्षेत्र में एक पुस्तकालय को दान करेंगे।
प्रदेश में नई सरकार का हुआ है गठन
बता दें कि हाल ही में कर्नाटक कैबिनेट का गठन भी हुआ है। कई मंत्री अपने पदों से भी खुश नहीं है। ऐसे में मुख्यमंत्री के लिए मुश्किल का समय है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्य के 23वें मुख्यमंत्री की तौर पर शपथ ली है।
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