कर्नाटक सरकार ने मुहर्रम के जुलूस पर लगाई रोक, गणेश चतुर्थी पर नहीं सजेंगे पंडाल, पढ़े पूरा गाइडलाइन

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Update: 2021-08-13 02:26 GMT

बेंगलुरु. कोरोना वायरस  के खतरे को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने राज्य में मुहर्रम के जुलूस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. सरकारी आदेश के अनुसार, यह प्रतिबंध 12 अगस्त से 20 अगस्त तक जारी रहेगा. इसके अलावा सरकार ने गणेश चतुर्थी के दौरान भी पंडाल सजाने पर रोक लगा दी है. हाल ही में खबर आई थी कि कर्नाटक में 16 अगस्त के बाद आंशिक रूप से लॉकडाउन लगाया जा सकता है. इसके अलावा राज्य में यात्रा को लेकर भी नए नियम लागू किए जा चुके हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, गुरुवार को सरकार की तरफ से जारी हुए आदेश में कहा गया है, 'सभी तरह के जुलूसों पर 12 अगस्त से 20 अगस्त तक प्रतिबंध रहेगा. अलम/पंजा और ताजिया को बगैर छुए दूर से देख सकेंगे.' इसके अलावा प्रार्थना को लेकर भी नए नियम जारी किए गए हैं. 'प्रार्थना सभागारों में मास्क पहनना अनिवार्य है. सभी प्रार्थनाएं मस्जिदों में कोविड नियमों के कड़े पालन के साथ होंगी.'
इस दौरान सरकार ने साफ कर दिया है कि मस्जिद के अलावा कहीं भी प्रार्थना सभा नहीं रखी जा सकेंगी. मुहर्रम के मौके पर मस्जिद के अलावा सामुदायिक भवनों, खुले मैदानों, शादी महल आदि में प्रार्थना सभा का आयोजन करने की अनुमति नहीं है.' साथ ही कब्रिस्तान में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे. 10 साल से कम और 60 वर्ष से ज्यादा के नागरिकों को घर में ही प्रार्थना करने के लिए कहा गया है.
गणेश चतुर्थी पर भी पाबंदियां
गणेश चतुर्थी को लेकर भी राज्य सरकार ने कई नियम जारी किए हैं. सरकार ने त्योहार के दौरान पंडाल सजाने की अनुमति नहीं दी है. सरकारी आदेश में कहा गया है, 'गणेश चतुर्थी पर कोई पंडाल नहीं लगाए जाएंगे. इसे सादगी से मनाया जाएगा. गणेश प्रतिमा लाने और विसर्जन के दौरान जुलूस/मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित किए जा सकेंगे. गणेश गौरी प्रतिमाओं को केवल तय जगहों पर ही विसर्जित किया जा सकेगा.'
सरकार ने साथ ही मंदिरों में सफाई की बात कही है. आदेश के मुताबिक, गणेश चतुर्थी का आयोजन कर रहे मंदिरों को प्रतिदिन सैनिटाइज किया जाना चाहिए. वहीं, श्रद्धालुओं को भी सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के बाद ही मंदिर में आने की अनुमति मिलनी चाहिए. मंदिर प्रशासन को भी थर्मल चेकिंग की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है.
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