भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष के बयान पर कांग्रेस ने ली चुटकी, कहा- यह 'सदी का मजाक'

कांग्रेस विधायकों के संपर्क में रहने के बयान पर कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह 'सदी का मजाक' है।

Update: 2023-09-01 11:46 GMT
बेंगलुरु: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष के कांग्रेस विधायकों के संपर्क में रहने के बयान पर कर्नाटक कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह 'सदी का मजाक' है। दरअसल, बीएल. संतोष ने कहा था कि 40 से 45 कांग्रेस विधायक उनके संपर्क में हैं और वह एक दिन में ऑपरेशन लोटस को अंजाम दे सकते हैं।
उनके बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि बीएल. संतोष की बैठक में कई प्रमुख भाजपा नेता और विधायक अनुपस्थित रहे। यह केवल पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का मुकाबला करने और उन्हें चुनौती देने के लिए आयोजित की गई थी। कांग्रेस ने कहा कि बीएल. संतोष अपनी ही पार्टी के विधायकों से संपर्क स्थापित नहीं कर पा रहे हैं। अब ऐसी स्थिति में कांग्रेस विधायकों के संपर्क में होने का उनका दावा सदी का मजाक है।
कांग्रेस ने कहा कि कोरा झूठ फैलाने से पहले संतोष को अपनी पार्टी के विधायकों से संपर्क स्थापित करने और उनका विश्वास जीतने की कोशिश करनी चाहिए। बेंगलुरु में बीजेपी पार्टी कार्यालय में आयोजित एक बैठक में बोलते हुए संतोष ने कहा था कि वह एक दिन में ऑपरेशन लोटस (विपक्षी विधायकों को खींचना और सरकार बनाना) को अंजाम दे सकते हैं क्योंकि कांग्रेस नेता उनके संपर्क में हैं।
हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी हम ऐसा नहीं चाहते हैं। हम सरकार बनाने का कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। संतोष ने यह भी कहा था कि बीजेपी का कोई भी नेता कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहा है। मान लीजिए कि अगर 10 नेता हमारी पार्टी छोड़ देते हैं, तो हम हमेशा ऐसे नेताओं को ला सकते हैं जो उनके बराबर सक्षम और समान हों। लोगों का दावा है था कि पार्टी 2013 में खत्म हो जाएगी। लेकिन, आंतरिक लड़ाई के बावजूद हमने 40 सीटें जीतीं। 2023 में हमने 60 सीटें जीतीं। हम एक विपक्षी दल के रूप में और अधिक शक्तिशाली हो गए हैं।
भाजपा के पूर्व मंत्री के. सुधाकर, रमेश जारकीहोली, बी. श्रीरुमुलु, बी.सी. पाटिल, गोविंद करजोल, सी.पी. योगेश्वरा और अन्य लोग बैठक में शामिल हुए। हालांकि, पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक एस.टी. सोमशेखर, शिवराम हेब्बार की कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की अफवाह है। यह बैठक में शामिल नहीं हुए। एमपी रेणुकाचार्य भी बैठक में शामिल नहीं हुए। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी बैठक से दूरी बनाई।
Full View
Tags:    

Similar News

-->