कर्नाटक: 5वीं 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस लाया 160 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, राज्य में अब भी 5.59 लाख एक्टिव केस
झारखंड के जमशेदपुर से एक और ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ कर्नाटक पहुंची है.
झारखंड के जमशेदपुर से एक और 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' कर्नाटक पहुंची है. दक्षिण पश्चिम रेलवे ने ट्विटर पर बताया कि कर्नाटक के लिए पांचवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस टाटानगर से 8 कंटेनरों में 160 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) लेकर देर रात 1:55 मिनट पर बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड पहुंची. इसके साथ ही राज्य को अभी तक 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' के जरिए से 640 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन मिल चुकी है.
इससे पहले मंगलवार और पिछले शनिवार को जमशेदपुर से 120 टन ऑक्सीजन कर्नाटक पहुंची थी. वहीं ओडिशा के कलिंगानगर से भी राज्य में ट्रेन के जरिए मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाई गई है. कर्नाटक में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते नए मामलों के बीच मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है. राज्य में बुधवार को कोविड-19 के 34,281 नए मामले आए थे और 468 लोगों की मौत रिपोर्ट की गई थी. राज्य में अब भी 5.59 लाख एक्टिव केस (इलाज करा रहे मरीज) हैं.
राज्य की जरूरतों को देखते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को 1,200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. जिसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा था कि राज्य के लोगों को अधर में नहीं छोड़ा जा सकता है. बेंच ने कहा था कि 5 मई का हाई कोर्ट का आदेश जांचा-परखा और शक्ति का विवेकपूर्ण प्रयोग करते हुए दिया गया है. कर्नाटक के चामराजनगर और कलबुर्गी में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से कई मरीजों की मौत भी हो गई थी.
अब तक 12,630 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचा चुका है रेलवे
रेल मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी कर बताया था कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के जरिए 13 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश को मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाई गई है. पिछले कुछ दिनों से रेलवे औसतन प्रति दिन करीब 800 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही हैं.
भारतीय रेलवे पश्चिम में हापा और मुन्द्रा से और पूरब में राऊरकेला, दुर्गापुर, टाटानगर और अंगुल से देश के अलग-अलग राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है. अब तक 196 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी कर ली है. रेलवे के मुताबिक, इन स्पेशल ट्रेनों के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है.