जयपुर: राजस्थान के करौली में कानून-व्यवस्था को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस ने कर्फ्यू को बढ़ा दिया है। इसके अलावा करीब 1100 लोगों को पाबंद किया गया है। बताया जा रहा है कि मंगलवार तक कर्फ्यू को बढ़ाया गया है। जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है। 12 अप्रैल की रात तक कर्फ्यू जारी रहेगा। जिले में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब 1100 लोगों को 10 और 11 अप्रैल तक हिंदौन ब्लॉक में पाबंद किया गया है।
लोगों को पाबंद करने के लिए जिला प्रशासन ने सीआरपीसी की धारा 107 और 116 के तहत नोटिस जारी किया है। इन लोगों को लेकर आशंका है कि यह लोग शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं या फिर कुछ ऐसा कर सकते हैं जिससे शांति-व्यवस्था भंग हो सकती है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले करौली में हिंसा उस वक्त भड़क उठी थी जब कुछ उपद्रवी तत्वों ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से होकर गुजर रहे एक बाइक रैली पर पत्थर फेंका था। यह बाइक रैली नव संवत्सर पर हिंदू संगठनों द्वारा निकाली गई थी।
इस पत्थरबाजी के बाद हिंसा भड़क उठी थी और 40 लोग घायल हुए थे। उपद्रवियों ने कई दुकानों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। अब तक पुलिस ने इस हिंसा में 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस हिंसा के बाद अब तक कुल 10 एफआईआर दर्ज किये गये हैं। इसमें से एक केस पुलिस ने खुद दर्ज कराया था।
करौली हिंसा के बाद राज्य सरकार ने शुक्रवार को गाइडलाइंस जारी किया है। गाइडलाइंस में कहा गया है कि किसी भी तरह की रैली या जुलूस के लिए प्रशासन से पूर्व अनुमति जरुरी है। इसके अलावा डीजे पर जो कुछ भी आइटम बजाए जाएंगे इसकी भी पूरी जानकारी प्रशासन को देना जरुरी है। करौली हिंसा के बाद करीब एक दर्जन जिला प्रशासन ने सीआरपीसी की धारा 144 अपने यहां लगाई है। इसमें राजधानी जयपुर भी शामिल है।
इधर करौली जिला प्रशासन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने 195 हिंदुओं को मुस्लिम बाहुल्य ढोलीखर इलाके से निकाले जाने की बात को पूरी तरह से गलत बताया है। पुलिस ने बताया है कि जिन 195 हिंदुओं की लिस्ट हमें सौंपी गई थी उनके बारे में एक कमेटी ने पड़ताल किया। इसके बाद यह पता चला कि इन सभी लोग दूसरे इलाके में इसलिए शिफ्ट हो गए क्योंकि उनके परिवार बड़ा हो गया था।
ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री रमेश चंद मीणा ने कहा कि 2 अप्रैल को करौली में हुई हिंसा के बाद नेताओं ने 195 लोगों की लिस्ट सौंपी थी और बताया था कि इन सभी लोगों ने पलायन किया है। इस संबंध में जिला कलेक्टर ने सब-डिविजनल ऑफिसर, म्यूनिसिपल काउंसिल कमिश्नर, डिप्टी एसपी के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने सर्वे किया जिसमें यह पता चला कि यह सभी लोग इस वक्त पांडे का कुआं, इंदिरा कॉलोनी, कृष्णा कॉलोनी तथा भीम नगर इलाके में अपने नये घर में शिफ्ट हो गये। उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों के पलायन की बात गलत है।