दिल्ली। दिल्ली के कंझावला में अंजलि की मौत के मामले में गिरफ्तार पांचों युवकों का पुलिस लाई डिटेक्टर टेस्ट करवा सकती है.जानकारी के मुताबिक आरोपियों के बयान में काफी अंतर है. कुछ आरोपी कह रहे हैं कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि अंजलि कार के नीचे आ गई थी जबकि कुछ का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी थी. सूत्रों के हवाले से खबर है कि पुलिस अब कोर्ट से अनुमति लेकर इनका लाई डिटेक्टर टेस्ट करवा सकती है.
सूत्रों के मुताबिक पुलिस अब आरोपियों के बैक रूट की मैपिंग करने जा रही है. वह सीसीटीवी फुटेज के जरिए यह मैपिंग करेगी. पुलिस इससे यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी कहां से बैठे, कहां गए, क्या किया, कार में कौन-कौन बैठा , क्या कार से कोई उतरा भी, कार में कोई नया शख्स बैठा था, मुरथल जाते वक्त कार में कितने लोग थे, कार से कितने वापस आए.
मालूम हो कि 31 जनवरी की देर रात अंजलि अपनी दोस्त निधि के साथ पार्टी करके घर लौट रही थी. तभी कार ने उसी स्कूटी को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद वह कार में फंस गई थी लेकिन कार सवार युवकों ने कार रोकने के बजाए उसे करीब 12 किमी. तक घसीटते रहे थे. इससे उसे गंभीर चोटें आई, उसके शरीर के कई हिस्से अलग हो गए थे. वहीं दिल्ली पुलिस ने इस मामले में बुधवार को हाई लेवल की मीटिंग की. यह मीटिंग देर रात तक चली. इस मीटिंग में इस मीटिंग में स्पेशल सीपी सागर प्रीत हुड्डा, डीसीपी आउटर हरेंद्र सिंह, एसीपी और आउटर दिल्ली की स्पेशल स्टाफ की टीम और कई पुलिसकर्मी शामिल हुए . ये सभी लोग इस मामले की जांच से जुड़े हुए हैं. इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस को एक विस्तृत रिपोर्ट तुरंत देने का आदेश दिया है.