इंदौर: एक कलयुगी मां ने कुछ रुपयों के खातिर अपने जिगर के टुकड़े को बेच दिया. मासूम को दलालों के जरिए बेचे जाने की सूचना पुलिस तक पहुंची. सक्रियता दिखाते हुए पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद किया और 8 आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया. महज 15 दिन के नवजात युवराज को 5.50 लाख रुपये में देवास के एक दंपती को बेचा गया था. अपना-अपना कमीशन काटने के बाद दलालों ने बच्चे के मां-बाप को आधे पैसे ही दिए थे. एक समाजसेवी की शिकायत पर पुलिस ने मानव तस्करी के इस मामले का पर्दाफाश किया.
शहर के हीरा नगर थाना इलाके का यह मामला है. जहां एक पति-पत्नी ने चंद रुपयों के लालच में अपने 15 दिन के नवजात को सौदा कर बेच दिया था. दंपती ने दलालों की मदद से बच्चा साढ़े पांच लाख रुपये में बेचना तय किया था. लोगों में कमीशन बंटा और पति-पत्नी को लगभग आधे रुपये मिले. तय बात के अनुसार बच्चा 15 दिन का होने पर देवास के दंपत्ति को दिया गया था, जिसकी जानकारी पुलिस को मिली.
दरअसल, नवजात गौरी नगर के रहने वाले दंपती अंतरसिंह उर्फ विशाल और शायना बी का है. दोनों की दूसरी शादी की थी. अंतर सिंह मजदूरी करता है. पत्नी शायना जब गर्भवती हुई तो उसे शंका हुई कि बच्चा उसका नहीं है. इसके बाद गर्भ में बच्चे को बेचना तय किया गया. भागीरथपुरा की नेहा सूर्यवंशी, पूजा वर्मा, नेहा वर्मा और नीलम वर्मा की मदद से बच्चे को देवास निवासी लीना नामक महिला को बेचा गया.
हीरानगर थाना प्रभारी सतीश पटेल ने बताया कि देवास की लीना से 5.50 लाख रुपये में बच्चे का सौदा किया गया था. जन्म के 15 दिन बाद नवजात को लीना के सुपुर्द कर दिया था. सबको पैसे मिले और करीब 2 लाख 70 हजार रुपये दंपती अंतर सिंह और शायना के हिस्से में आए. पुलिस ने इस मामले में शायना, पूजा वर्मा, नेहा सूर्यवंशी, नेहा वर्मा, नीलम वर्मा और एक नाबालिग को हिरासत में ले लिया है, जबकि अंतर सिंह फरार है. आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी गई है. वहीं, फरार आरोपी अंतरसिंह का तलाश जारी है.