जज उत्तम आनंद मामला: CBI को मिली थी केस की जिम्मेदारी, तमाम टेस्ट के बाद टीम के हाथ नहीं लगा सुराग
धनबाद के एडीजे उत्तम आनंद (Uttam Anand) की मौत की जांच कर रही सीबीआई (CBI) टीम ने जांच तेज कर दी है. उत्तम आनंद को टक्कर मारने के मामले में गिरफ्तार ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को लेकर शुक्रवार की देर रात पुलिस की टीम धनबाद पहुंची.
दोनों आरोपियों को शुक्रवार की सुबह अहमदाबाद से फ्लाइट के जरिए रांची लाया गया. रांची एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों को लेकर पुलिस टीम रात करीब 11 बजे धनबाद पहुंची. 16 अगस्त को सीबीआई की विशेष दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल के न्यायालय के आदेश पर दोनों को सीबीआई और पुलिस की टीम हावड़ा राजधानी से पहले नई दिल्ली ले गई थी.
दिल्ली से अहमदाबाद राजधानी एक्सप्रेस से उन्हें अहमदाबाद ले जाया गया था. 17 दिनों तक गुजरात के गांधीनगर एफएसएल में उनका पॉलीग्राफ, लाई डिटेक्टर, ब्रेन मैपिंग और नार्को एनालिसिस के अलावा अन्य मनोवैज्ञानिक टेस्ट किए गए. देर रात धनबाद पहुंचने के बाद दोनों की कोरोना जांच कराई गई. रिपोर्ट आने के बाद ही धनबाद मंडल जेल में उन्हें भेजा जाएगा.
CBI पर पड़ रहा चार्जशीट तैयार करने का दबाव
दोनों आरोपियों को शनिवार कोर्ट के सामने पेश किया जा सकता है. दोनों की टेस्ट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीबीआई पर चार्जशीट का दबाव शुरू हो गया है. वहीं हाईकोर्ट ने सीबीआई को कई नई बिंदुओं पर भी जांच के आदेश दिए हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई की जांच अभी वहीं अटकी है, जहां से एसआईटी ने केस सीबीआई को हैंडओवर किया था.
CBI अब तक नहीं कर पाई है नया खुलासा
आरोपी लखन वर्मा ने जज को टक्कर मारी है, इसके तो ठोस प्रमाण सीबीआई के पास हैं लेकिन उसने टक्कर क्यों मारी, इस बिंदु पर सीबीआई कोई नया खुलासा करने की स्थिति में अभी नहीं है. अभी तक किसी तरह की साजिश या योजनाबद्ध तरीके से टक्कर मारने के साक्ष्य नहीं मिले हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि सीबीआई कुछ नया खुलासा करेगी या फिर दोनों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के मामले में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा.