कर्नाटक। कर्नाटक में फिर से सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी बीजेपी के लिए अपनों ने ही परेशानियां खड़ी कर दी हैं. मंगलवार को जैसे ही पार्टी ने अपने कैडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी की, तो कुछ दिग्गजों को लिस्ट में अपना नाम नजर नहीं आया और फिर बगावत शुरू हो गई. पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार जो 6 बार विधायक रहे हैं, उन्हें बीजेपी ने इस बार टिकट नहीं देने की बात कही है और दूसरों के लिए रास्ता तैयार करने को बोला है. पार्टी के फैसले पर शेट्टार ने असहमति जाहिर की है, जिसके बाद बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने आज उन्हें दिल्ली बुलाया है.
शेट्टार ने कहा, 'मुझे हाईकमान का भी फोन आया कि मैं दूसरों को अवसर दूं. मैंने उनसे कहा कि मैं बीजेपी के लिए 30 साल से काम कर रहा हूं और पार्टी बनाई है. मैंने सीएम के रूप में भी काम किया है. मैंने उनसे पूछा कि मैं 6 बार विधायक चुना गया हूं, मेरे चुनाव न लड़ने का क्या कारण है? क्या सर्वे कहता है कि मैं जीत नहीं रहा हूं? मेरी हाईकमान से विनती है कि मुझे सातवीं बार चुनाव लड़ने दिया जाए. मेरा परिवार जनसंघ के दौर से आरएसएस और बीजेपी से जुड़ा रहा है. मुझे पहले बता दिया गया होता तो यह सम्मानजक होता. मैं इस फैसले से आहत हुआ हूं. मैं किसी भी कीमत पर चुनाव लड़ूंगा.'
भाजपा ने मंगलवार को कुल 224 में से 189 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की और सूची में 52 नए चेहरों को मौका दिया गया है. सुलिया सीट से विधायक और कैबिनेट मंत्री अंगारा सहित कम से कम आठ विधायकों का टिकट काट दिया गया है. भाजपा के कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह ने बताया कि लिस्ट में 32 उम्मीदवार ओबीसी, 30 अनुसूचित जाति और 16 अनुसूचित जनजाति के हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार, उम्मीदवारों में 51 लिंगायत और 41 वोक्कालिगा से हैं, जो राज्य के दो प्रमुख समुदाय हैं. पार्टी ने अभी तक शिवमोग्गा और हुबली-धारवाड़ सेंट्रल के लिए टिकटों की घोषणा नहीं की है, इन सीटों का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा और जगदीश शेट्टार करते हैं.