सेक्स के बदले नौकरी रैकेट मामला, अब पूर्व मुख्य सचिव को लेकर आई ये खबर, मचा हड़कंप
केंद्रीय गृह मंत्रालय के संज्ञान में आने के बाद प्रमुख सचिव को 17 अक्टूबर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था.
नई दिल्ली: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण से एसआईटी ने शुक्रवार को गैंगरेप मामले में करीब आठ घंटे पूछताछ की. इस मामले में बीते एक अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय के संज्ञान में आने के बाद प्रमुख सचिव को 17 अक्टूबर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था.
एक अधिकारी ने बताया कि नारायण को पूछताछ के लिए सुबह पुलिस लाइन लाया गया. उनसे करीब आठ तक पूछताछ की गई. प्रदर्शनकारियों से बचने के लिए उन्हें पिछले दरवाजे से पोर्ट ब्लेयर में पुलिस लाइन के अंदर ले जाया गया था. एक प्रदर्शनकारी ने नारायण को 'बलात्कारी' बताते हुए एक तख्ती लिए हुए कहा, "महिला के खिलाफ एक जघन्य अपराध किया गया था. हम उसके लिए न्याय चाहते हैं." ऐसी संभावना है कि उनसे आज भी पूछताछ की जाएगी.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 21 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया कि उसे सरकारी नौकरी का वादा करके मुख्य सचिव के आवास पर ले जाया गया और फिर वहां नारायण सहित शीर्ष अधिकारियों द्वारा बलात्कार किया गया. पीड़िता ने श्रम आयुक्त आर एल ऋषि, एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक होटल मालिक पर भी रेप का आरोप लगाया था, जिसके बाद एक एसआईटी का गठन किया गया था.
इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने दावा किया था कि उसे मजबूत सबूत मिले. अधिकारियों ने सबूतों के आधार पर दावा किया है कि जितेंद्र नरायण के मुख्य सचिव रहते उनके आवास पर 20 से ज्यादा महिलाओं को लाया गया. अधिकारियों के मुताबिक, कुछ का यौन शोषण भी किया गया.
पीड़िता ने पुलिस से की हुई शिकायत में बताया कि एक होटल के मालिक रिंकू ने आरएल ऋषि से उसकी बातचीत कराई थी. महिला के मुताबिक, उसे पोर्ट ब्लेयर स्थित जितेंद्र नारायण के आधिकारिक आवास ले जाया गया था. जहां दो लोगों ने उसका गैंगरेप किया. महिला के मुताबिक, दो हफ्तों बाद दोनों ने उसे फिर बुलाया और उसके साथ गैंगरेप किया.
महिला का दावा है कि उसे सेक्शुअल फेवर के बदले सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया था. लेकिन बाद में उसे धमकी दी गई कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया, जो अंजाम अच्छा नहीं होगा. पोर्ट ब्लेयर पुलिस की सिफारिश पर इसी महीने गृह मंत्रालय ने जितेंद्र नारायण और आरएल ऋषि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. हालांकि, जितेंद्र नारायण को कोर्ट से गिरफ्तारी से राहत मिली हुई है.