जिग्नेश मेवाणी को मिली जमानत, कोर्ट ने कह दी यह बड़ी बात

Update: 2022-04-30 05:29 GMT

गुवाहाटी: असम की एक अदालत से गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़ के मामले में भी जमानत मिल गई है. वहीं बारपेटा जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय ने इस मामले में पुलिस को भी जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि कथित हमले के मामले में जिग्नेश के खिलाफ पुलिस ने झूठा केस दर्ज किया है. न्यायमूर्ति अपरेश चक्रवर्ती ने आदेश में कहा, अगर ऐसे ही चलता रहा तो हमारा राज्य एक पुलिस राज्य बन जाएगा जिसे समाज झेल नहीं पाएगा. जिग्नेश मेवाणी एक हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा हुए हैं.

न्यायमूर्ति अपरेश चक्रवर्ती ने कहा कि एफआईआर के उलट महिला कॉन्स्टेबल ने मैजिस्ट्रेट को जो कहानी बताई है उससे ऐसा लगता है कि आरोपी जिग्नेश मेवाणी को लंबी समय के लिए हिरासत में रखने के इरादे से तत्काल मामला बनाया गया है. यह अदालत की प्रक्रिया और कानून का दुरुपयोग है."
जेल से छूटने के बाद जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे केवल एक ट्वीट के लिए असम की जेल में रखा. वो क्या मैसेज देना चाहते हैं? मुझे गिरफ्तार करने का षड़यंत्र पीएम कार्यालय में प्लान किया गया. मैं बीजेपी आर आरएसएस के खिलाफ जीवनभर लड़ूंगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित ट्वीट करने को लेकर सोमवार को कोकराझार कोर्ट से जिग्नेश मेवानी को जमानत मिल गई थी. इसके तुरंत बाद पुलिस ने जिग्नेश को पर दूसरे थाने में दर्ज महिला पुलिसकर्मी के साथ बदतमीजी करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था. इस गिरफ्तारी के बाद जिग्नेश को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां उन्हें 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया था.
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