झारखंड खनन घोटाला: पंकज मिश्रा की मदद के मामले में रांची जेल सुपरिटेंडेंट से ईडी की पूछताछ
रांची (आईएएनएस)| झारखंड के साहिबगंज में लगभग एक हजार करोड़ की मनी लांड्रिंग के किंगपिन पंकज मिश्रा की मदद करने के मामले में ईडी रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट हामिद अख्तर से पूछताछ कर रहा है। ईडी ने ऐसे सबूत जुटाए हैं कि जेल में बंद रहते हुए भी पंकज मिश्रा ने 300 से ज्यादा फोन कॉल्स किए। उसे जेल के बंदी के तौर पर इलाज के लिए जब रिम्स भेजा गया, तो उसने जेल मैनुअल की धज्जियां उड़ाकर कई अफसरों और नेताओं को लगातार फोन कॉल्स किए। इतना ही नहीं, उसने कई अनुचित सुविधाओं का भी लाभ उठाया। रिम्स ने इलाज के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया, लेकिन इसके बाद भी जेल लाए जाने के बजाय वह रिम्स में ही टिका है।
ईडी के समन पर बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट सोमवार को सुबह लगभग साढ़े दस बजे एयरपोर्ट स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पहुंचे। पंकज मिश्रा प्रकरण के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग के एक अन्य आरोपी कारोबारी अमित अग्रवाल को भी अनुचित तरीके से फेवर करने के मामले में भी उनसे पूछताछ की जा रही है। आरोप है कि जेल सुपरिटेंडेंट ने अमित अग्रवाल के एक वकालतनामे पर उनके हस्ताक्षर को उस तिथि में सत्यापित कर दिया, जब वह जेल के बजाय ईडी की कस्टडी में था। ईडी सूत्रों के अनुसार, उनसे पूछा जाएगा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया?
ईडी उन अफसरों और लोगों भी समन करने की तैयारी कर रही है, जिनसे पंकज मिश्र ने जेल की हिरासत में रहने के दौरान फोन कॉल्स पर लगातार बात की। इनमें कुछ आईएएस और आईपीएस अफसर भी बताए जा रहे हैं। ईडी ने ऐसे चार मोबाइल नंबरों की पहचान की है, जिनका इस्तेमाल पंकज मिश्रा कर रहा था। इस मामले में पंकज के दो सहयोगियों की भी पूर्व में ईडी ने पहचान की थी। इन दोनों को ईडी के दफ्तर बुलाकर भी पूछताछ की गई थी। ईडी ने रिम्स से सीसीटीवी के ऐसे कई फुटेज भी हासिल किए हैं, जिसमें पंकज मिश्रा को रिम्स में इलाज के दौरान हिरासत के नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है।
बता दें कि पंकज मिश्रा को साहिबगंज जिले के बरहेट विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपना प्रतिनिधि मनोनीत कर रखा था। ईडी ने अवैध खनन के जरिए अर्जित राशि की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में विगत आठ जुलाई को पंकज मिश्रा के साहिबगंज स्थित आवास और उनके सहयोगियों के बरहेट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बड़हरवा पर 19 ठिकानों पर छापामारी की थी। इस दौरान 5.34 करोड़ रुपये नकद और कई दस्तावेज बरामद किये गये थे। बाद में जांच के दौरान ईडी ने पंकज मिश्रा और उनके प्रमुख सहयोगी दाहू यादव सहित अन्य के 37 बैंक खातों में जमा 11.87 करोड़ रुपये जब्त कर लिये थे। इस मामले में पूछताछ के बाद बीते 19 जुलाई को पंकज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया था।