IAS से ED की पूछताछ में खुल रहे भ्रष्टाचार के कई अध्याय
गिरफ्तारी जिन सबूतों के आधार पर हुई है, वे चौंकाने वाले हैं।
रांची (आईएएनएस)| जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त आईएएस छवि रंजन की गिरफ्तारी जिन सबूतों के आधार पर हुई है, वे चौंकाने वाले हैं। खुलासा हुआ है कि उन्होंने जालसाजी कर खरीदी गई जमीन के म्यूटेशन के लिए एक करोड़ की रिश्वत ली थी। जानकारी यह भी है कि रांची के न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल ने छवि रंजन के गोवा टूर और प्रवास का खर्च उठाया था। छवि रंजन से दो दिनों के दौरान लगभग 18 घंटे तक हुई पूछताछ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इन सबूतों के आधार पर उनसे सवाल पूछे तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए। इस बीच पीएमएलए कोर्ट ने शनिवार को छवि रंजन को छह दिन की ईडी की रिमांड पर देने का आदेश दिया है। उन्हें शुक्रवार को बिरसा मुंडा कारागार भेजा गया था। माना जा रहा है कि रिमांड पर पूछताछ के दौरान भ्रष्टाचार के कई नए अध्याय खुल सकते हैं।
ईडी को जो सबूत मिले हैं, उसके अनुसार आईएएस छवि रंजन ने रांची के मशहूर कारोबारी विष्णु अग्रवाल को लैंड डीलिंग में फायदा पहुंचाया था। कहा यह भी जा रहा है कि विष्णु अग्रवाल की छवि रंजन से खूब बनती थी और उन्हें रांची का डीसी बनवाने में भी उनकी भूमिका रही थी।
बता दें कि छवि रंजन पर रांची में सेना के कब्जे वाली साढ़े चार एकड़ जमीन की फर्जी कागजात पर हुई खरीद-बिक्री में संलिप्तता का आरोप है। ईडी को जानकारी मिली है कि रांची के तत्कालीन सब रजिस्ट्रार घंसी राम पिंगुआ ने सेना के कब्जेवाली साढ़े चार एकड़ जमीन का निबंधन करने से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद सुनियोजित साजिश के तहत छवि रंजन के निर्देश पर इस जमीन का निबंधन और म्यूटेशन हुआ। जमीन की बिक्री जगत बंधु टी इस्टेट की ओर से की गयी। जगत बंधु टी इस्टेट कंपनी कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल से संबंधित है।
यही नहीं ईडी ने कोर्ट को बताया है कि रांची के बजरा मौजा की जमीन की खरीद-बिक्री में भी जालसाजी की गयी है। 29 करोड़ की जमीन की बिक्री सिर्फ 10.15 करोड़ में दशार्यी गयी है। हालांकि वास्तविक भुगतान केवल तीन करोड़ 45 लाख रुपये का ही किया गया।
छवि रंजन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की फेहरिस्त पर जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि छवि रंजन पर कोडरमा डीसी आवास का पेड़ काटने का मुकदमा चल रहा था तब ये सरायकेला-खरसावां जिले के उपायुक्त कैसे बने? किसके प्रभाव से बने? बजरा मौजा अब और तब की कहानी और कारस्तानी के पेंच उजागर करे ईडी।
इस भ्रष्टाचार के तार राजनेताओं से भी जुड़ने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि कई राजनेता इसकी चपेट में आ सकते हैं। ईडी की जांच की आंच खुद तक पहुंचते देख कई नेताओं की रातों की नींद गायब है। ये ऐसे नेता हैं जो छवि रंजन से उपकृत होते रहे हैं। इधर, ईडी की ओर से छवि रंजन की गिरफ्तारी की जानकारी राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को दी जा चुकी है। इसके बाद से छवि रंजन को निलंबित करने की प्रक्रिया सरकार की ओर से शुरू की जा चुकी है। उन्हें शनिवार यानि 6 मई को कभी भी निलंबित किया जा सकता है।