झारखंड हाईकोर्ट ने पशु चिकित्सकों की रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष करने का दिया आदेश
रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के पशु चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र एलोपैथिक चिकित्सकों की तरह 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का आदेश दिया है। यह फैसला अदालत ने झारखंड सरकार के पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सक डॉ. रतन कुमार दुबे सहित पांच अन्य की अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मंगलवार को सुनाया।
हाईकोर्ट ने इन चिकित्सकों को डायनामिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन (डीएसीपी) का भी लाभ देने का निर्देश दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि झारखंड की सरकार ने केंद्र सरकार के अनुरूप छठे वेतनमान की अनुशंसाओं को अंगीकृत किया है, जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि झारखंड सरकार के कर्मियों को भी केंद्र सरकार के कर्मियों के समतुल्य लाभ मिलेंगे। केंद्रीय वेतनमान की अनुशंसाओं में पशु चिकित्सकों एवं एलोपैथिक चिकित्सकों को सर्विस बेनिफिट का बराबर लाभ देने की बात कही गई है। ऐसे में झारखंड के पशु चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों की भांति डीएसीपी एवं 65 वर्ष की सेवानिवृत्ति उम्र सीमा का लाभ मिलना चाहिए।
अदालत ने झारखंड सरकार को इस संबंध में उचित नियम एवं प्रावधान तैयार करने का निर्देश देते हुए 16 सप्ताह में आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है।
प्रार्थी रतन कुमार दुबे ने अपनी याचिका में कहा था कि वह विभाग में वर्ष 1980 से पशु चिकित्सक के रूप में कार्यरत हैं। झारखंड गठन के बाद एलोपैथिक चिकित्सकों को डीएसीपी मिलना शुरू हुआ था। बाद में आयुष चिकित्सकों को भी कोर्ट के आदेश पर 2009 से डीएसीपी का लाभ मिल रहा था। आयुष चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा भी एलोपैथिक चिकित्सकों की भांति 60 से 65 वर्ष कर दी गई थी, लेकिन झारखंड सरकार के पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सकों को दोनों लाभ नहीं मिल रहे थे। हाईकोर्ट से इस आदेश से राज्य में कार्यरत करीब 475 पशु चिकित्सक लाभान्वित होंगे।