जदयू ने तेजस्वी से राजद शासनकाल में नरसंहार की 118 घटनाओं पर मांगा जवाब

Update: 2024-05-30 05:21 GMT
पटना: लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में बिहार की आठ लोकसभा सीटों पर मतदान 1 जून को होना है। इसको लेकर गुरुवार शाम प्रचार थम जाएगा। इससे पहले जदयू ने राजद के शासनकाल में हुए नरसंहार को लेकर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से जवाब मांगा है।
जदयू के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि राजद के शासनकाल में 118 नरसंहार हुए। जिन क्षेत्रों में सातवें चरण में मतदान होना है, उनमें 88 नरसंहार उस दौर में हुए। उन्होंने कहा, "
बिहार
मांगे जवाब, तेजस्वी यादव अपने माता -पिता के शासनकाल का जवाब दें।"
उन्होंने कहा, "इस क्षेत्र की जनता राजनीतिक संहार करने को तैयार है। क्षेत्र में आज भी मां-बहनों की चित्कार गूंजती है। उनकी आंखों के आंसू आज भी बह रहे हैं। इन आंसुओं का गुनहगार कौन है? तेजस्वी यादव अंतिम चरण का चुनाव है, इन घटनाओं का गुनहगार कौन? जवाब दें।"
जदयू नेता नेता नीरज कुमार ने घटनाओं का ब्योरा भी जारी किया है। उन्होंने आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि 15 साल के कार्यकाल में कुल 118 नरसंहार हुए। जिन आठ लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव होने हैं उनमें उस दौर में 88 नरसंहार हुए, जिनमें 674 लोगों की जान गई थी।
उन्होंने कहा कि उस दौर में जहानाबाद में 26, सासाराम में पांच, आरा में 31, बक्सर में दो, औरंगाबाद में पांच, नालंदा में चार और पटना में 15 नरसंहार हुए। सबसे अधिक जहानाबाद में 285 तथा आरा में 188 लोग मारे गए थे। इसके अलावा सासाराम में 22, औरंगाबाद में 51 और पटना में 96 लोग मारे गए थे। अंतिम चरण का मतदान एक जून को होना है।
उन्होंने पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से कहा, "बिहार मांगे जवाब, मां-पिता का दो हिसाब।" उल्लेखनीय है कि औरंगाबाद जिले का बड़ा हिस्सा काराकाट लोकसभा क्षेत्र में आता है जबकि पटना में पटना साहिब और पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र हैं।
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