जवान की मौत, लाठी और पत्थरों के हमले से गई जान

जानें पूरा मामला

Update: 2021-09-18 16:16 GMT

राजस्थान। डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र के शिशोद फला अंबाव में एक साल पहले शिक्षक भर्ती को लेकर नेशनल हाइवे 48 पर हुए कांकरी डूंगरी उपद्रव में पुलिस एफआईआर में नाम लिखवाने का शक आरएसी जवान के परिवार पर भारी पड़ गया. आरोपियों ने पहले देख लेने की धमकी दी और 12 घंटे बाद 10 से 15 हथियारबंद हमलावरों ने आरएसी जवान के परिवार पर हमला कर दिया. हमलावरों ने घर मे जमकर तोड़फोड़ की. हमले के बाद परिवार के सदस्यों ने खेतों में छुपकर अपनी जान बचाई. हमलावरों ने आरएसी जवान के बेटे पर कार चढ़ाकर कुचलने के भी प्रयास किया, लेकिन वह अंधेरे में भाग गया. हमलवारों ने आरएसी जवान को घेरकर जमकर मारपीट की और हथियारों से कई वार किए, जिसमें गंभीर घायल जवान ने गुजरात के अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया. हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर परिजन पोस्टमार्टम के लिए नहीं पंहुचे है, जिस कारण अब तक पोस्टमार्टम नहीं हो सका है.

शिशोद फला अंबाव निवासी देवीलाल लिम्बात ने रिपोर्ट देकर बताया कि उसका बड़ा भाई रमेश लिम्बात (47 वर्ष) आरएसी 12वीं बटालियन जयपुर में जवान है. 15 सितंबर को वह छुट्टी लेकर अपने घर आए थे. इसके बाद कल शुक्रवार को सुबह साढ़े 9 बजे उसका बड़ा भाई रमेश व भतीजे सचिन लिम्बात के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर खेरवाडा जा रहे थे. इस दौरान शिशोद स्कूल के पास शिशोद गांव के ही अंकित अहारी, राहुल गमेती, मयंक अहारी, प्रवीण ढूहा व संजू ढूहा मिले और उन्हें रोक लिया. पुरानी रंजिश को लेकर आरोपियों ने सचिन को देख लेने की धमकी दी. इसके बाद आरोपी मौके से चले गए. वहीं देवीलाल, संजय व सचिन ने भी उनकी धमकी पर विश्वास नहीं किया.

पीड़ित देवीलाल ने बताया कि शुक्रवार रात करीब साढ़े 9 बजे बड़ा भाई रमेश, भतीजा सचिन और दोनों के परिवार घर के आंगन में बैठकर बातचीत कर रहे थे. उसी समय एक कार और मोटरसाइकिल लेकर कुछ लोग आए, जिसमें धमकी देने वाले आरोपी अंकित अहारी, राहुल गमेती, मयंक अहारी, प्रवीण ढूहा व संजू ढूहा समेत 10 से 15 लोग हथियारबद्ध होकर उतरे और अचानक हमला बोल दिया. हमलावरों ने उनके घर पर पथराव शुरू कर दिया, जिससे घर की महिलाएं व बच्चे घर के अंदर छुप गए और दरवाजे बंद कर दिए. हमलावरों ने जमकर तोड़फोड़ की. हमलावरों ने कार से सचिन को कुचलने के प्रयास भी किया, लेकिन वह खेतों की ओर भाग गया और मक्का की फसल के बीच छुपकर अपनी जान बचाई. वहीं देवीलाल भी खेतों में छुप गया. आरएसी का जवान रमेश लिम्बात हमलावरों से लड़ता रह. हमलावरों ने उसे घेरकर जमकर मारपीट की. उसके शरीर पर कई वार किए. हमलवारों ने घर के आंगन में खड़ी 3 मोटरसाइकिल को भी भारी नुकसान पंहुचाया. इसके बाद हमलावर धमकियां देते हुए मौके से भाग गए. हमले में आरएसी का जवान रमेश लिम्बात लहूलुहान होकर गंभीर रूप से घायल हो गया. हमलावरों के भागने के बाद परिवार के लोग उसे लेकर बिछीवाड़ा अस्पताल लेकर पंहुचे, जहां रमेश की हालत गंभीर होने पर रैफर कर दिया, जिस पर परिवार के लोग गुजरात के हिम्मतनगर अस्पताल लेकर जा रहे थे कि रास्ते में ही रमेश ने दम तोड़ दिया. इसके बाद परिजन शव को लेकर वापस डूंगरपुर पंहुचे और जिला अस्पताल के मोर्चरी में शव को रखवाया गया।

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