वृंदावन। तीर्थ नगरी वृंदावन में प्रतिदिन हजारों की संख्या में तीर्थयात्री अपने आराध्य के दर्शन करने के लिए वृंदावन आते हैं लेकिन जब उनका सामना यहां की यातायात व्यवस्था से होता है तो कई बार तीर्थ यात्रियों के मन में भी ख्याल आता होगा कि कहीं वृंदावन आकर हमने गलती तो नहीं कर दी। विगत कुछ दिनों से वृंदावन की बेकाबू यातायात व्यवस्था ने हद ही पार कर रखी है। अब नगर के प्रमुख तिराहे चौराहों पर जाम लगे रहना आम सी बात हो गई है। अब शायद जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने भी इस ओर से अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। करें भी क्यों नहीं सारे तो प्रयास करके देख लिए। नगर की जनता भी क्या करें जब जाम से मुक्ति दिलाने वाली पुलिस और विभिन्न संस्थाएं भी अपने हाथ खड़े कर चुकी हो। तो यहां के लोगों ने भी इसी हालात के साथ जीने का मन बना लिया है। नगर की ध्वस्त ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल खड़े होना भी लाजमी है।
क्योंकि यहां आने वाला हर तीर्थयात्री यही सोच कर आता है कि समय से अपने आराध्य के दर्शन कर अपने घर लौट जाएगा। लेकिन जब उसका सामना यहां के जाम से होता है तो तीर्थयात्री भी मन मसोसकर रह जाते हैं। कई बार तो देखने में आया है कि घंटों जाम के झाम में फंसा यात्री बिना दर्शन किए ही अपने गंतव्य की ओर वापस लौट जाता है। शुक्रवार सुबह से ही वृंदावन की ओर रुख करती श्रद्धालुओं की हजारों गाड़ियां घंटों जाम में फंसी रही जिसके कारण स्थानीय निवासियों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। एक और जहां नौकरी पेशा लोग अपने काम पर देर से पहुंचे तो वही स्कूल कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों के भी एक दो पीरियड तो जाम की ही भेंट चढ़ गए। मथुरा वृंदावन मार्ग , मल्टीलेवल पार्किंग अटला चुंगी सीएफसी चौराहा विद्यापीठ चौराहा पानी गांव पुल संपर्क मार्ग एवं नगर निगम चौराहे पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी देखी गई। इनका तारों में घंटों गाड़ियां जाम में फंसी रही। इस यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए ना तो किसी ट्रैफिक पुलिस कर्मी द्वारा ही जहमत उठाई गई और ना ही वृंदावन पुलिस ने जगह-जगह लगे इन जाम को खुलवाने में कोई रुचि दिखाई। बाहर से आए यात्री और स्थानीय लोग जगह जगह पुलिस और प्रशासन को कोसते हुए देखे गए।