दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध तब सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए जब 18 सितंबर को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी संसद में आरोप लगाया था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और जून में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान टाइगर फोर्स प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोपों की जाचं सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही हैं।कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने उसी दिन कहा था कि एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया गया है।
भारत ने मंगलवार को कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित करते हुए ट्रूडो के आरोपों को 'बेतुका और प्रेरित' बताया था। भारत में कनाडा के उच्चायुक्त (कैमरून मैके) को मंगलवार (19 सितंबर) को समन कर भारत सरकार ने वर्तमान में देश में तैनात एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के अपने फैसले से अवगत कराया। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि संबंधित राजनयिक को आधिकारिक तौर पर अगले पांच दिन के भीतर भारत से प्रस्थान करने का निर्देश दिया गया है। बयान में आगे कहा गया, "यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।"