नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा (Jahangirpuri violence) पर AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हिंसा का आरोपी अंसार शांति कायम करने गया था. ओवैसी ने कहा कि आज दिल्ली पुलिस के कमिश्नर (Delhi Police Commissioner) खुद ये कहा है कि जहांगीरपुरी में जो जुलूस निकाला गया वो बिना इजाजत के निकाला गया. जब जुलूस निकाला जा रहा था तब पुलिस क्या कर रही थी? पुलिस तमाशा देखने के लिए बैठी थी? और जुलूस में हथियारों की क्या जरूरत थी.
ओवैसी ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा उस वक्त ही होती है जब सरकार चाहती है, जब सरकार नहीं चाहती है तब नहीं होती है. तो यहां पर भी सरकार ने सांप्रदायिक हिंसा होने दी. सरकार के सामने सब कुछ हो रहा है जिसकी पूरी जिम्मेदारी मोदी सरकार पर आती है. दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने पूरा आरोप मुसलमानों पर लगा दिया. उनको शर्म नहीं आती है इस तरह के बयान देने में कि मुसलमानों ने पत्थर फेंके. जब चुनाव आते हैं तब आप सबके वोट लेते हैं और जब ऐसे मामले सामने आते हैं तब आप अपना असली चेहरा दिखाते हैं. इससे पहले भी रविवार को ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि बिना इंसाफ के भाईचारा मुमकिन नहीं है. क्या तमंचाधारियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट लगेगा? गिरफ्तार 14 आरोपियों में सभी मुसलमान हैं. क्या हथियार लेकर घूमना अब अपराध नहीं रहा है? एकतरफा कार्रवाई से दुनिया को क्या पैगाम दे रहे हैं?