डबल इंजन की सरकार का ही प्रभाव और संयुक्त कार्रवाई का ही परिणाम है कि प्रदेश के 69 जनपदों में एक-एक मेडिकल कॉलेज या तो बन चुका है या बनने की ओर अग्रसर है: CM योगी

Update: 2022-09-20 08:23 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग देखने को मिली. अखिलेश यादव ने कस्टोडियल डेथ और अस्पतालों की दुर्व्यवस्था का मुद्दा उठाया तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को प्रदेश को गुमराह नहीं करना चाहिए. सीएम योगी के बयान पर असहमति जताते हुए सपा ने सदन से वॉकआउट कर दिया है.

नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि आज हालात ये की एंबुलेस समय पर नहीं पहुंचती, 108 एंबुलेंस के बुरे हाल, गरीब पैसा नहीं दे पाया तो लौटा दिया गया, एक्सरे जांच के लिए मरीज भटकता है, दवाइयों का जो संकट है वह सरकार पूरा नहीं कर पाई, बाबा की डबल इंजन की सरकार में ना तो एंबुलेंस, ना स्ट्रेचर, ना जांच और ना दवाइयां हैं, कोरोना की समय में हालत को आज भी नहीं भुला जा सकता, पीएचसी-सीएचसी सब जगह हाल खराब है.
सरकार से सवाल पूछते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 'अगर बजट की कमी है तो नेता सदन क्यों नहीं बता रहे और अगर बजट है तो डिप्टी सीएम को क्यों नहीं दे रहे, शायद इसलिए क्योंकि उन्होंने दो मंत्रियों को बेरोज़गार कर दिया, पीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक सब जगह हाल खराब है, ₹1 का पर्चा ₹100 का हो गया, दोबारा आई सरकार इतनी गरीब कैसे हो गई जो बजट नहीं दे पा रही, ये सपा सरकार की सोचती कि गरीब का इलाज पूरा सरकारी अस्पताल में मुफ्त में हो जाए, डिप्टी सीएम सिर्फ छापा ही मारेंगे या कोई कार्रवाई भी करेंगे.'


अखिलेश यादव के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'अखिलेश यादव को पता नहीं कि किसको बोलना चाहते हैं. जनता जब फ़ैसला देती है और सपने तार तार होते है तो दुःख तो होता ही है, इंसेफ्लाइटिस अब जीरो तक पहुंच गया, सपा की सरकार दुर्भाग्य से 4 बार थी, लेकिन पीड़ितों से एक भी बार मिलने नहीं पहुंची, यूपी में शिशु मृत्यु दर में गिरावट हुई, नेता प्रतिपक्ष बोलते हुए बहुत कई बातें भूल गए.'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'जो लोग हॉस्पिटल नहीं पहुंच पाते थे उन्हें हमने पहुंचाया, आज इंसेफ्लाइटिस की बीमारी जीरो पर पहुंची है, नेता प्रतिपक्ष जैसा बोल रहे थे ऐसा लगा 'पर उपदेश कुशल बहुतेरे', अपने कार्यकाल में कुछ किया नहीं लेकिन जब हम करते हैं तो इन्हें तकलीफ होती है, अगर सहयोग नहीं कर सकते तो अड़ंगा लगाने का काम ना करें, अनावश्यक तरीके से आम लोगों के मन में भ्रांति पैदा ना करें.'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'नेता प्रतिपक्ष बताएं कि पिछली सरकार में इंसेफ्लाइटिस को लेकर कि क्या किया था जिसे हमने खत्म किया है, लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने जैसे विषयों पर राजनीति नेता प्रतिपक्ष को नहीं करनी चाहिए, नेता प्रतिपक्ष को एक जिम्मेदार नेता के तौर पर सदन में बोलना चाहिए, सदन की कार्रवाई में अन्य सदस्यों के समय को बर्बाद ना किया जाए, सरकार के प्रयास बेहतर है.'
Tags:    

Similar News

-->