भक्ति की शक्ति...बाबा धाम में जल चढ़ाने के लिए शख्स ने की 1600 किलोमीटर की यात्रा वो भी साइकिल से...पढ़े पूरी स्टोरी

Update: 2021-08-17 02:46 GMT

कहते हैं भक्ति में काफी शक्ति होती है. इसी भक्ति के बूते झारखंड के एक शख्स ने बाबा धाम में जल चढ़ाने के लिए करीब 1600 किलोमीटर की यात्रा 4 सोमवार के भीतर कर ली. सदर प्रखंड अंतर्गत आने वाले बनियाडीह के गणेश यादव ने हर सोमवार को साइकिल से सुल्तानगंज होते हुए देवघर में भगवान भोलेनाथ के नाम पर जल चढ़ाया है. श्रावण मास के अब तक चारों सोमवारी के दौरान गणेश ने 1600 किलो मीटर की दूरी साइकिल से तय करते हुए भगवान शिव की पूजा-अर्चना की है.

सोमवार की शाम जब गणेश देवघर से वापस बनियाडीह पहुंचे तो गांव की महिलाओं और उसने दोस्तों ने उनका स्वागत किया. शिव भक्त गणेश यादव ने बताया कि पवित्र सावन के महीने में सुल्तानगंज से जल लेकर देवघर में भोलेनाथ पर जलार्पण करने की उनकी इच्छा थी. लेकिन रविवार को लॉकडाउन की वजह से गाड़ियों की एंट्री बंद होने की वजह से वह साइकिल से ही बनियाडीह से सुल्तानगंज की दूरी तय की और जल उठाकर देवघर पहुंचे.
गणेश यादव ने कहा कि वे रविवार, सुबह 4 बजे तैयार होकर साइकिल से सुल्तानगंज की ओर निकल जाते थे. वह उसी दिन शाम पांच बजे तक सुल्तानगंज पहुंच कर थोड़ा आराम करते थे. फिर मंदिर में पूजा के बाद वहां से जल उठाते थे. यहीं से गणेश देवघर के लिए निकल पड़ते. रात होने और रास्ते में जंगल पड़ने की वजह से वह तारापुर में रुक जाते थे. सोमवार की सुबह चार बजे से वह देवघर के लिए निकल जाते थे.
गणेश सोमवार के दिन 11 बजे तक देवघर पहुंच जाते थे. वहां पर साइकिल खड़ा कर वह मंदिर परिसर के पास ही बाबा भोलेनाथ का ध्यान करके जलार्पण कर देते. फिर वहां से चलकर वे शाम करीब पांच छह बजे तक बनियाडीह पहुंचते थे.
गणेश ने बताया कि सामान्य कपड़ा पहनने की वजह से रास्ते में उन्हें कहीं भी पुलिस नहीं रोकती थी. पुलिस उन्हें स्थानीय निवासी समझती थी. उन्होंने बताया कि बनियाडीह से सुल्तानगंज और फिर सुल्तानगंज से देवघर और देवघर से बनियाडीह की 400 किमी की दूरी हर सोमवार तक वे साइकिल से तय करते थे. उन्होंने चारों सोमवारी को बाबा धाम में जलार्पण किया है. कुल 1600 किलोमीटर यात्रा साइकिल से की है.
गणेश ने कहा कि भोलेनाथ पर जलार्पण किए बगैर रहा नहीं जा रहा था. इसलिए साइकिल से ही जाने का फैसला कर लिया. रास्ते में उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि भक्ति में काफी शक्ति होती है. हालांकि कोरोना काल में देवघर मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं मिलने का उन्हें मलाल है. उनका कहना है कि भोलेनाथ के आशीर्वाद से ही उसकी भक्ति यात्रा पूरी हुई है.

Tags:    

Similar News

-->