BIG BREAKING: महिलाओं को 'स्वीटी' या 'बेबी' बोलना हमेशा गलत नहीं होता, हाईकोर्ट से बड़ी खबर सामने आई

हाई कोर्ट ने कहा कि कुछ सामाजिक क्षेत्रों में महिलाओं के लिए ये नाम प्रचलित हैं और इन शब्दों के उपयोग हमेशा किसी के सेक्सुअल सेंटीमेंट को उजागर नहीं करता है।

Update: 2024-05-09 12:28 GMT
कोलकाता: एक फैसले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने साफ किया है कि महिलाओं को 'स्वीटी' या 'बेबी' बोलना हमेशा गलत नहीं होता है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि कुछ सामाजिक क्षेत्रों में महिलाओं के लिए ये नाम प्रचलित हैं और इन शब्दों के उपयोग हमेशा किसी के सेक्सुअल सेंटीमेंट को उजागर नहीं करता है। बार एंड बेंच की रिपोर्ट की मानें तो कलकत्ता हाई कोर्ट ने इसी फैसले में यह भी चेतावनी दी कि यदि कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम (POSH अधिनियम) के प्रावधानों का दुरुपयोग किया जाता है, तो यह महिलाओं के लिए और अधिक बाधाएं पैदा कर सकता है। न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य ने यौन उत्पीड़न के आरोपों से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणियां कीं।
इस मामले में एक महिला का आरोप है कि कार्यस्थल पर उसके वरिष्ठ अधिकारी द्वारा स्वीटी और बेबी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। तटरक्षक बल के रूप में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि उसके वरिष्ठ ने कई तरीकों से उसका यौन उत्पीड़न किया था। अपनी दलील में शिकायतकर्ता ने तर्क दिया कि वरिष्ठ अधिकारी के बयानों में इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल यौन संकेत थे।
हालांकि, वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने कभी भी इन शब्दों का इस्तेमाल यौन संकेतों के रूप से नहीं किया। उन्होंने कहा कि जब शिकायतकर्ता ने अपनी परेशानी व्यक्त की तो उन्होंने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल बंद कर दिया। अपने फैसले में हाई कोर्ट ने स्वीकार किया कि आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) द्वारा ऐसे शब्दों के उपयोग को अनुचित माना गया था लेकिन यह भी कहा कि इन शब्दों को सेक्सुअल सेंटीमेंट से जोड़ने की आवश्यकता नहीं है।
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