जाटखेड़ी। जाटखेड़ी स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय (गुरुकुलम्) विद्यालय (ई.एम.आर.एस.) में विश्व पृथ्वी दिवस पर 'इन्वेस्ट इन अवर प्लानेट' थीम पर पर्यावरण-संरक्षण कार्यक्रम हुआ। जनजातीय कार्य विभाग और वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड (डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ.) के इस कार्यक्रम में जनजातीय विद्यार्थियों ने पौध-रोपण किया। विद्यार्थियों ने फेसपेंटिंग और रंगोली के माध्यम से और 10 मिनट भवन की बिजली बंद कर पर्यावरण-संरक्षण का संदेश दिया गया। डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. के सीनियर एडमिनिस्ट्रेशन अधिकारी अजय मिश्रा ने पर्यावरण-संरक्षण के विषयों जैसे जल, अन्न एवं मृदा संरक्षण पर जागरूक किया। उन्होंने कहा कि प्रकृति का महत्व हमें कोरोना काल में सबसे ज्यादा महसूस हुआ। तब मनुष्य को एक-एक श्वास लेने में ऑक्सीजन के महत्व और पर्यावरण में वृक्षों की भूमिका का अहसास हुआ। कोरोना काल के बाद हमें प्रकृति को ध्यान में रख कर दिनचर्या अपनाने की जरूरत महसूस हुई है। अब जरूरी है कि हम मदर-अर्थ अकाउंट में इन्वेस्ट करना शुरू करें।
जहाँ जनजातीय बसाहट वहाँ संरक्षित है प्रकृति
अजय मिश्रा ने कहा कि हमने देखा है कि जहाँ-जहाँ जनजातीय आबादी की बसाहट है वहाँ जल, जंगल और जमीन संरक्षित है। ऐसा इसलिए है कि जनजातीय वर्ग प्रकृति के ज्यादा करीब रहता है और पर्यावरण का दोहन सिर्फ अपनी आवश्यकता जितना ही करते हुए उसको ज्यादा बेहतर ढंग से सुरक्षित रखता है। सभी को उनसे सीखते हुए पृथ्वी और पर्यावरण से जुड़ी वैज्ञानिक एवं पारंपरिक दृष्टि विकसित करना चाहिए।