टोंक। टोंक नगरफोर्ट तहसील क्षेत्र में क्रेशर प्लांटों के संचालन में सरकार के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है। इनकी मनमानी पर रोक लगाने वाले अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। बता दें कि नगरफोर्ट तहसील क्षेत्र के फुलेता ग्राम पंचायत क्षेत्र पहाड़ी की गोद में नगरफोर्ट से ककोड़ सड़क मार्ग से मात्र 50 मीटर की दूरी पर लगा यह क्रेशर प्लांट सड़क पर चलने वाले राहगीरों व आसपास रहने वाले बस्ती के लोगों के लिए बीमारी की देन बना है । सिलिकोसस का खतरा, आसपास की खेती प्रभावित: क्रेशर प्लांट तीन से चार किमी के आवासीय क्षेत्र को प्रभावित करता है।
पत्थर खदानों में काम करने वाले मजदूर और आसपास रहने वाले लोगों में शत प्रतिशत सिलिकोसिस होने की संभावना रहती है। इसके अलावा ये करीब एक किमी क्षेत्र की खेती को भी गंभीर रूप से नष्ट करते हैं। इनके आसपास की जमीन बंजर हो जाती है नियमानुसार मशीनों को कवर्ड करने के साथ पानी का छिड़काव नहीं किया जाता। इससे किसानों की जमीन बंजर हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि क्रेशर प्लांट के कारण आसपास क्षेत्र में हमेशा 24 घंटे धूल उड़ती है। ग्रामीणों ने कहा कि खजिन, प्रदूषण, स्थानीय प्रशासन को निगरानी रखना चाहिए, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा।
प्रदूषण विभाग के नियमों को ताक पर रखकर प्लांट चल रहा है । ग्रामीणों ने कहा कि इस क्रेशर प्लांट में न तो बाउंड्रीवाल है और ना ही पेड़-पौधे, पानी का छिड़काव भी नहीं होता । इतना ही नही प्रदूषण इतना कि रोड से निकलने वाले वाहन तक नहीं दिखते । दोपहिया वाहन चालक व राहगीर धूल के कण आंख में आने से कई बार दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है । वहीं पास में बस्ती के लोग क्रेशर के प्रदूषण से त्रस्त हो चुके हैं। क्रेशर प्लांट से उड़ने वाली धूल ( डस्ट ) से आसपास रहने वाले ग्रामीणों को प्रदूषण से बचाने का कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा । बता दें कि क्रेशर संचालकों द्वारा लाइसेंस लेने के लिए नियम का पालन करने की लिखित अनुमति दी जाती है, इसके बावजूद नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं । तहसील क्षेत्र के रसूखदारों के क्रेशर प्लांट संचालित हैं । ग्रामीणों ने क्रेशर से उड़ रही धूल को बंद कराने की प्रशासन से मांग की है।