ISRO चीफ का बड़ा बयान, भारत के पास चंद्रमा, मंगल और शुक्र की यात्रा करने की क्षमता है लेकिन...

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Update: 2023-08-27 06:18 GMT
नई दिल्ली: चंद्रयान- 3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) बेहद उत्साहित है. अंतरिक्ष एजेंसी एक बार फिर इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने शनिवार को बताया कि अब सितंबर के पहले सप्ताह में आदित्य एल-1 मिशन लॉन्च होगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. जल्द तारीख की घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसरो का अगला टारगेट इसकी लॉन्चिंग करना है.
एस सोमनाथ ने कहा, भारत अधिक अंतरग्रहीय मिशन ( Interplanetary Mission) शुरू करने में सक्षम है. इसरो का उद्देश्य अंतरिक्ष क्षेत्र के विस्तार के जरिए देश की समग्र प्रगति का हिस्सेदार बनना है. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास देश के अंतरिक्ष क्षेत्र के बारे में दीर्घकालिक दृष्टिकोण है और इसरो इसे लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. मून मिशन की कामयाबी के बाद शनिवार शाम एस सोमनाथ पहली बार केरल की राजधानी तिरुनंतपुरम पहुंचे थे.
इसरो चीफ ने चंद्रयान-3 को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा, ​​हमारा उद्देश्य सिर्फ सॉफ्ट लैंडिंग ही नहीं, बल्कि चंद्रयान-3 के सभी पहलू 100 प्रतिशत सफल रहें, इस पर फोकस है. उन्होंने कहा कि पूरे देश को इस पर गर्व है और हमें समर्थन मिल रहा है. सोमनाथ ने कहा- वो और उनके सहयोगी इसरो की ऐतिहासिक उपलब्धि का हिस्सा बनकर खुश और गौरवान्वित हैं. उन्होंने लोगों से भविष्य के प्रयासों में भी समर्थन जारी रखने का अनुरोध किया.
उन्होंने कहा, हम चंद्रमा, मंगल या शुक्र तक और ज्यादा यात्रा करने में सक्षम हैं. लेकिन, इसके लिए हमें अपना आत्मविश्वास बढ़ाना होगा. इसके साथ ही ज्यादा निवेश भी करना होगा. उन्होंने कहा, देश की समग्र प्रगति में योगदान देते हुए हमारे अंतरिक्ष क्षेत्र का और विस्तार होना चाहिए और यही इसरो का उद्देश्य है.
सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष आधारित भारतीय वेधशाला आदित्य-एल1 के बारे में पूछे जाने पर सोमनाथ ने कहा कि यह सैटेलाइट तैयार है और श्रीहरिकोटा पहुंच गया है. आदित्य-एल1 के सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च होने की उम्मीद है और तारीख की घोषणा दो दिनों के भीतर की जाएगी. लॉन्च के बाद इसे पृथ्वी से लैग्रेंज पॉइंट 1 (L1) तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे. तब तक हमें इंतजार करना होगा.
उन्होंने आगे कहा कि चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर दोनों की तस्वीरें ली गई हैं. इसरो टीम आने वाले दिनों में और ज्यादा बेहतर क्वालिटी वाली तस्वीरों का इंतजार कर रही है. फिलहाल वे चंद्रमा के बारे में साइंटिफिक स्टडी और रिसर्च पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं.
बता दें कि बुधवार को इसरो ने चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान -3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग करवाकर इतिहास रच दिया है. यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत चौथा देश बन गया है. जबकि दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने वाला पहला देश बन गया है. शनिवार को पीएम मोदी ने उस स्थान का नाम रखने की घोषणा की. चंद्रयान -3 के विक्रम लैंडर ने जहां सॉफ्ट लैंडिंग की थी, उसे जगह का नाम शिव शक्ति रखा गया है. जबकि जिस स्थान पर 2019 में चंद्रयान -2 का लैंडर दुर्घटनाग्रस्त होकर चंद्रमा की सतह पर उतरा था, उसे तिरंगा पॉइंट के नाम से जाना जाएगा. इसके साथ ही जिस दिन चंद्रयान-3 लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरा था, उस दिन को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (23 अगस्त) के रूप में मनाया जाएगा.
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