नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने गगनयान मिशन को अंतिम रूप दे रहा है। इसरो ने शनिवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी जल्द ही गगनयान मिशन के लिए मानव रहित उड़ान परीक्षण शुरू करेगी। भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना का परीक्षण इस महीने के अंत में होने की संभावना है। इसरो ने एक बयान में कहा, "फ्लाइट टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) की तैयारी चल रही है, जो क्रू एस्केप सिस्टम को प्रदर्शित करता है।" परीक्षण वाहन टीवी-डी1 इस मिशन के लिए विकसित एक रॉकेट है। पेलोड में क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम शामिल हैं।
इसका प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा। क्रू मॉड्यूल, जहां गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को बैठाया जाएगा, 17 किमी की ऊंचाई पर अलग हो जाएगा। इसमें पैराशूट लगे होंगे। इसके बाद मॉड्यूल समुद्र में गिर जाएगा। इसरो ने कहा कि क्रू मॉड्यूल को भारतीय नौसेना के एक जहाज और गोताखोरों की टीम का उपयोग करके बंगाल की खाड़ी में उतरने के बाद बरामद किया जाएगा।
यह परीक्षण गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसरो ने कहा, "इस क्रू मॉड्यूल के साथ परीक्षण वाहन गगनयान कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस परीक्षण उड़ान की सफलता बाकी के परीक्षणों और मानव रहित मिशनों के लिए मंच तैयार करेगी। भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहले गगनयान मिशन के लिए यह महत्वपूर्ण साबित होगा।''
इसरो के वैज्ञानिकों ने कहा कि परीक्षण लॉन्च के लिए क्रू मॉड्यूल एक बिना दबाव वाला संस्करण होगा, जिसे तैयार कर लिया गया है। अब वह लॉन्च कॉम्प्लेक्स में भेजे जाने के लिए तैयार है। इसके बाद दूसरा परीक्षण वाहन टीवी-डी2 मिशन और गगनयान (एलवीएम3-जी1) का पहला मानव रहित मिशन होगा। महत्वाकांक्षी गगनयान परियोजना के तहत दो से तीन लोगों को एक से तीन दिन के लिए पृथ्वी के चारों ओर लगभग 400 किमी की गोलाकार कक्षा में ले जाना और। उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।