नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ISIS के मोस्ट वांटेड आतंकी शाहनवाज समेत 3 आतंकियों को गिरफ्तार कर खुलासा किया है कि इन आतंकियों का हैंडलर कोई और नहीं, बल्कि पाकिस्तान में बैठा आतंकी फरहतुल्ला गोरी है. भारत से फरार होने के बाद पाकिस्तान में बैठा फरहतुल्ला ही ISIS के नाम पर भारत में नौजवानों को ऑनलाइन जिहाद के लिए तैयार कर रहा है.
फरहतुल्ला गोरी गुजरात में साल 2002 में अक्षरधाम मंदिर पर हुए हमले में शामिल था. 2002 में गोरी ने हैदराबाद में एसटीएफ ऑफिस में सुसाइड अटैक करवाया था. हैदराबाद का रहने वाला फरहतुल्ला गोरी भारत से फरार होकर पाकिस्तान में छिपा हुआ है. भारत सरकार ने फरहतुल्ला को डिजिनेटेड टेररिस्ट घोषित किया हुआ है. हाल फिलहाल में फरहतुल्ला गौरी की एक्टिविटी एजेंसियों ने ट्रैक की है. गौरी यूट्यूब पर अपनी तकरीरें डालता है, इसमें वह भारत में नौजवानों को भड़काने की कोशिश करता है. एक तरह से गौरी सोशल मीडिया पर आतंक की कोचिंग चलाता है. दुनियाभर में बदनाम पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसियों ने भारत में आतंक फैलाने के नए तरीके अख्तियार किए हैं.
पाकिस्तान में बैठे आतंकी ऑनलाइन और सोशल मीडिया के जरिए नौजवानों को रेडिकलाइज करते हैं. उसके बाद आतंकी हमले के लिए तैयार करते हैं, उन्हें ISIS के आमिर की शपथ दिलवाई जाती है. वो इसलिए कि अगर भारत की एजेंसी उन्हें गिरफ्तार करे तो पाकिस्तान और ISI का नाम सामने न आ पाए. दो दिन पहले ही फरहतुल्ला गोरी ने एक वीडियो बयान जारी किया है. इसमें गोरी की आवाज है और इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकियों की तस्वीरें हैं.
वीडियो बयान सुनने पर ऐसा लगता है कि फरहतुल्ला गोरी सोशल मीडिया पर आतंकी बनने की कोचिंग देता है. वीडियो में फरहतुल्ला बोल रहा है कि इंडियन एजेंसी और इंडियन पुलिस में दम नहीं है, जिहाद करना है और पुलिस से बचना है. सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ जानकारी के लिए करें. उसमें अपने विचार और जानकारी न डालें. हथियार तस्करों से हथियार खरीदते वक्त सावधानी बरतें. कई तो दोहरे एजेंट के तौर पर काम करते हैं. एक तरफ वो हथियार बेचते हैं, तो दूसरी तरफ वो एजेंसियों के एजेंट होते हैं. वीडियो में गोरी कह रहा है कि जो आतंकी जेल से रिहा होते हैं, दूसरे जिहादी उनसे दूरी बनाए रखें. क्योंकि एजेंसी जेल से छूटे जिहादियों का पीछा सालों करती हैं.
ISIS आतंकियों ने खुलासा किया कि मॉड्यूल के पीछे पाकिस्तान मास्टरमाइंड है. गिरफ्तार आतंकी शहनवाज आलम ने 'माल ए घनी मत' के तौर पर 6 डकैती को अंजाम दिया था. आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए जो अपराध करते हैं, उसे जिहाद की भाषा में माल ए घनी मत कहा जाता है. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने भारत से भागे आतंकी, जिन्होंने पाकिस्तान में सरक्षण ले रखा है. उनके जरिए ISIS के एक मुखोटे को तैयार किया है. भगोड़े आतंकियों में फरहतुल्ला गोरी और उसका दामाद शाहिद फैसल है. माना जा रहा है कि इसे नेटवर्क के लिए अपराध और माल ए घनी मत के जरिये पैसा इकट्ठा करने के लिए कहा गया है, ताकि ऐसा लगे कि ये घरेलू और देशी कट्टपंथी नेटवर्क है. पकड़े गए आतंकी दिल्ली में अपना बेस्ड तैयार कर रहे थे. साथ ही बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे.
गिरफ्तार मास्टरमाइंड शहनवाज आलम नवंबर 2016 में SSC की तैयारी करने दिल्ली आया था. वह अबू फजल एन्क्लेव में रहने लगा और कॉलेज के दौरान ही ISIS की विचारधारा से प्रभावित हो रहा था. ये विचारधारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी नजर आने लगी. शहनवाज की मुलाकात 2016 में शाहीन बाग की शाहीन मस्जिद में रिजवान अली से हुई और दोनों दोस्त बन गए. इसके बाद दोनों IS की विचारधारा को लेकर बातचीत करने लगे. दोनों हिज़रत के लिए जाना चाहते थे. इसके लिए इन्होंने फंड एकत्र करना शुरू कर दिया.
शहनवाज ने इसके लिए 2019 में हजारीबाग में कई डकैती और चोरी भी कीं और वो करीब 8 महीने जेल रहा. दिसंबर 2020 में वह जेल से बाहर आया. इसके बाद वह IS के विदेशी हेंडलर से बात करने लगा. इस बीच रिजवान भी उसी हैंडलर के टच में आ गया, इसके बाद ये लोग लबासा, महाबलेश्वर, गोवा, हुबली, सरस्वती वाइल्ड लाइफ एरिया कनार्टक, उडुपी, केरला, बलसाड़ वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी, नल्ला माला माउटेंड रेंजेस, चन्दौली और वेस्टन घाट्स गए. जहां ये अपना बेस बनाकर छिपे थे. शहनवाज ने कई भीड़भाड़ वाले इलाकों की रैकी की. जिसमें मजार और दरगाह, मुम्बई में VIP और बड़े नेताओं के रूट्स, सूरत बडोदरा और गांधी नगर और अहमदाबाद में IED प्लांट कर टारगेट किलिंग करना चाह रहा था. उसने पश्चिमी राजस्थान के नक्शे की जांच भी की. ताकि वहां के लोकेशन पर IED टेस्टिंग पॉइंट बना पाए.
इस बीच मार्च 2021 में अलीगढ़ में बंसती पटेल नाम की महिला ने आतंकी शहनवाज ने शादी कर ली. जिसका धर्म परिवर्तन कर नाम मरियम रख दिया गया. दोनों पति-पत्नी ने फैसला किया कि अफगानिस्तान में हिज़रत में जाने से पहले दिल्ली में रहकर IED बनाए जाए. IED बनाए जाने के बाद इन्होंने दिल्ली, राजस्थान और हल्द्वानी में कई जगह IED टेस्ट किए. अप्रैल 2022 में वो पहले से गिरफ्तार आरोपी इमरान औऱ यूनुस शाकी से मिले. 18 जुलाई 2023 को यूनुस और शाकी पुणे में एक बाइक चोरी करते हुए पकड़े गए जबकि शहनवाज फरार हो गया था. दिसंबर 2022 से शहनवाज और रिजवान दिल्ली में हमले के लिए IED बनाने का काम कर रहे थे. गिरफ्तार मोहम्मद अरशद वारिसी से हुई पूछताछ के मुताबिक वह 2016 में दिल्ली में MBA करने जामिया विश्वविद्यालय आया और जामिया में रहने लगा. यहीं वो शहनवाज के टच में आ गया. ये दोनों मिलकर दिल्ली में हमले की फिराक मे थे.गिरफ्तार मोहम्मद रिजवान अशरफ से हुई पूछताछ के मुताबिक उसका जन्म सउदी अरब में हुआ था और वे भी ISIS के उसी हेंडलर के टच में था, जिसके टच में रिजवान और शहनवाज़ थे.